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Hindi Kids Poems on Rain
Hindi Bal Kavita Rimjhim Rimjhim
रिमझिम रिमझिम
धरती माँ की प्यास बुझाने,
नभ पर बदरी छाई ।
रिमझिम रिमझिम जल बरसाने,
वर्षा रानी आई ।।
खेत हँस पड़े, जंगल झूमा,
सबने ली अंगड़ाई ।
कलियाँ फिर से लगीं महकने,
सब पर मस्ती छाई ।
नाच उठे वन मोर, पपीहा,
नाची दुनिया सारी ।
नाच उठा मिट्टी का कण कण,
ऐसी वर्षा न्यारी ।।
सारा जग रंगीन हो गया,
इन्द्रधनुष जब आया।
बरखा रानी का जादू तो,
सारे जग पर छाया ।।
- डॉ. परशुराम शुक्ल
बाल साहित्यकार,
भोपाल (मध्यप्रदेश)
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