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Kavita Rastra Dharm Apnao
Hindi Children's Poem Rastra Dharm Apnao
राष्ट्रधर्म अपनाओ
मेरे प्यारे -प्यारे बच्चों,
नयी चेतना लाओ ।
खान-पान देशी अपना कर,
राष्ट्र धर्म अपनाओ ।
मट्ठा, दूध, दही, लस्सी से,
अपना नाता जोड़ो ।
बीमारी फैलाने वाले,
कोक-फोक सब छोड़ो ।
मुर्गा-मुर्गी, बकरा-बकरी,
सब तामसी बनाते ।
इनको खाने वाले सब जन,
अन्त समय पछताते ।
तन-मन वैसा ही बनता है,
जैसा भोजन करते ।
इसीलिए तो मेरे दादा,
नानवेज से डरते ।
शाकाहारी भोजन से तुम,
उत्तम स्वास्थ्य बनाओ ।
तन-मन स्वस्थ बना कर अपना,
आगे बढ़ते जाओ ।
- डॉ. परशुराम शुक्ल
बाल साहित्यकार,
भोपाल (मध्यप्रदेश)
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