प्रतिनिधि बाल कविता: राष्ट्रधर्म अपनाओ

Dr. Mulla Adam Ali
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Kavita Rastra Dharm Apnao

Hindi Children's Poem Rastra Dharm Apnao

Hindi Children's Poem Rastra Dharm Apnao

राष्ट्रधर्म अपनाओ


मेरे प्यारे -प्यारे बच्चों,

नयी चेतना लाओ ।

खान-पान देशी अपना कर,

राष्ट्र धर्म अपनाओ ।

मट्ठा, दूध, दही, लस्सी से,

अपना नाता जोड़ो ।

बीमारी फैलाने वाले,

कोक-फोक सब छोड़ो ।

मुर्गा-मुर्गी, बकरा-बकरी,

सब तामसी बनाते ।

इनको खाने वाले सब जन,

अन्त समय पछताते ।

तन-मन वैसा ही बनता है,

जैसा भोजन करते ।

इसीलिए तो मेरे दादा,

नानवेज से डरते ।

शाकाहारी भोजन से तुम,

उत्तम स्वास्थ्य बनाओ ।

तन-मन स्वस्थ बना कर अपना,

आगे बढ़ते जाओ ।


- डॉ. परशुराम शुक्ल

बाल साहित्यकार,

भोपाल (मध्यप्रदेश)

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