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Jago Bhai Bal Kavita Hindi
Hindi Children's Poem Jago Bhai
जागो भाई
बड़े सवेरे सूरज आया,
अंधकार को दूर भगाया।
आसमान पर लाली छाई,
हवा चली सुन्दर सुखदाई ।।
चन्दा जाकर कहीं सो गया,
सारा जग रंगीन हो गया।
बागों में कलियाँ मुस्काईं,
चिड़ियाँ घर आँगन में आईं,
तरुणाई फूलों पर छाई,
भौरों की बाजी शहनाई ।
उड़ कर आयी तितलीरानी,
सबसे कहती नई कहानी ।।
बूँद ओस की भी शरमाई,
मोती जैसी आभा पाई ।
जंगल ने अपना मुँह खोला,
सूँड उठा कर हाथी बोला ।।
मुर्गे ने फिर बाँग लगाई,
जागो भाई, जागो भाई ।
बच्चों आलस दूर भगाओं,
जल्दी बिस्तर से उठ जाओ ।।
- डॉ. परशुराम शुक्ल
बाल साहित्यकार,
भोपाल (मध्यप्रदेश)
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