Bal Kavita In Hindi: कभी नहीं घबराते

Dr. Mulla Adam Ali
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Kabhi Nahi Ghabrana Bal Kavita

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Hindi Children's Poem Kabhi Nahi Ghabrate

कभी नहीं घबराते

दृढ़ प्रतिज्ञा हो बढ़ने वाले,

कभी नहीं घबराते ।

हम भारत के नन्हें मुन्ने,

बच्चे भोले भाले ।

माँ के राजदुलारे हैं हम,

भारत के रखवाले ।

माँ के चरणों में निशिदिन हम,

अपना शीश झुकाते। कभी नहीं...

पढ़ना हो या लड़ना भिड़ना,

काम सभी हम करते ।

आएँ कितनी भी बाधाएँ,

नहीं किसी से डरते ।

सच्चे सिंह सपूत साहसी,

अपनी राह बनाते। कभी नहीं...

हमें पता है, इस दुनिया की,

खट्टी-मीठी बातें ।

अँधियारों में काटी हमनें,

जाने कितनी रातें ।

राह कठिन हो चाहे जितनी,

आगे बढ़ते जाते। कभी नहीं...

जोश भरा है मन में इतना,

ज्यों सागर में पानी ।

सारा जग यह माने कैसे,

बच्चे हिन्दुस्तानी ।

जो हठ ठान लिया मन में वह,

पूरा कर दिखलाते। कभी नहीं...

दृढ़ प्रतिज्ञ हो बढ़ने वाले,

कभी नहीं घबराते ।


- डॉ. परशुराम शुक्ल

बाल साहित्यकार,

भोपाल (मध्यप्रदेश)

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