Poem on Braveness in Hindi Children's Poetry Dr. Parshuram Shukla Ki Bal Kavitayein in Hindi for Kids, Pratinidhi Bal Kavitayein in Hindi.
Kabhi Nahi Ghabrana Bal Kavita
बाल कविता कभी नहीं घबराते : बच्चों के लिए बाल साहित्यकार डॉ. परशुराम शुक्ल की बाल कविता संग्रह प्रतिनिधि बाल कविताएं से संग्रहित बाल कविता कभी नहीं घबराते। बाल कविता संग्रह, बाल कविता कोश, बच्चों के लिए शिक्षाप्रद बाल कविताएं।
Hindi Children's Poem Kabhi Nahi Ghabrate
कभी नहीं घबराते
दृढ़ प्रतिज्ञा हो बढ़ने वाले,
कभी नहीं घबराते ।
हम भारत के नन्हें मुन्ने,
बच्चे भोले भाले ।
माँ के राजदुलारे हैं हम,
भारत के रखवाले ।
माँ के चरणों में निशिदिन हम,
अपना शीश झुकाते। कभी नहीं...
पढ़ना हो या लड़ना भिड़ना,
काम सभी हम करते ।
आएँ कितनी भी बाधाएँ,
नहीं किसी से डरते ।
सच्चे सिंह सपूत साहसी,
अपनी राह बनाते। कभी नहीं...
हमें पता है, इस दुनिया की,
खट्टी-मीठी बातें ।
अँधियारों में काटी हमनें,
जाने कितनी रातें ।
राह कठिन हो चाहे जितनी,
आगे बढ़ते जाते। कभी नहीं...
जोश भरा है मन में इतना,
ज्यों सागर में पानी ।
सारा जग यह माने कैसे,
बच्चे हिन्दुस्तानी ।
जो हठ ठान लिया मन में वह,
पूरा कर दिखलाते। कभी नहीं...
दृढ़ प्रतिज्ञ हो बढ़ने वाले,
कभी नहीं घबराते ।
- डॉ. परशुराम शुक्ल
बाल साहित्यकार,
भोपाल (मध्यप्रदेश)
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