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Bal Kavita Gudiya
Gudiya Children's Poem in Hindi
गुड़िया
आओ मुन्नी, आओ सीता।
आओ राधा, आओ गीता।
आयी मेरी गुड़िया रानी।
इसकी मुझसे सुनो कहानी।
यह आँखों से बातें करती ।
नहीं किसी साहब से डरती।
बस्ता लेकर पढ़ने जाती ।
आकर होमवर्क निपटाती ।
खाना सदा बनाती अच्छा।
रह जाता पर आधा कच्चा।
नील डाल कर कपड़े धोती ।
काम सभी निपटा कर सोती।
मेरी गुड़िया बड़ी हो गयी,
पैरों पर यह खड़ी हो गयी।
अब तुम गुड्डा राजा लाओ।
गुड़िया जी का ब्याह रचाओ ।।
- डॉ. परशुराम शुक्ल
बाल साहित्यकार,
भोपाल (मध्यप्रदेश)
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