हिंदी कहानी : गुलाब के फूल का घमंड

Dr. Mulla Adam Ali
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Hindi Story Rose Flower Pride by Badri Prasad Verma Anjaan Ki Kavitayein in Hindi

Hindi Story Rose Flower Pride

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Hindi Kahani Gulab Ke Phool Ka Ghamand

गुलाब के फूल का घमंड

एक फूलों का सुन्दर बागीचा था। उसमे गेंदा चमेली अडहूल हर श्रृंगार रात रानी बेला लक्षमनबुटी कनईल और गुलाब के फूल लगे हुए थे।

सभी फूलों में आपसी प्रेम भाव थी। सारे फूल एक दूसरे की इज्जत और मान सम्मान करते थे किसी में छोटे बड़े का कोई घमंड नहीं था। सब आपस में मिलजुलकर रहते थे। 

 एक रोज एक भौंरा बाग में आया और गुलाब के फूल से कहने लगा इस पुरे बागीचे में तुमसे सुन्दर कोई भी फूल नहीं है। तुमको इन फूलों से अलग हो कर रहना चाहिए। और राजा बनकर रहना चाहिए।

 भौंरे की बात सुनकर गुलाब का फूल खुशी से गदगद हो गया। और बोला तुम ठीक कह रहे हो कल से मैं बाग के सारे फूलों से बोलना बंद कर दूंगा। जब तक सारे फूल हमें अपना राजा नहीं चुन लेते हैं। 

 गुलाब के फूल की बात सुनकर भौंरा खुशी से हंसने लगा।उसने सोचा मैं फूलों में नफरत फैला कर जिसका चाहूंगा उसका जी भर रस चुसूंगा। इतना सोचकर भौंरा वहां से चला गया।

  अगले दिन गेंदा का फूल गुलाब के फूल का चेहरा देखकर पूछ पड़ा तुम बहुत गुस्से में दिखाई दे रहे हो क्या मैं तुम्हारे गुस्से के बारे में जान सकता हूं !

 गेंदा की बात सुनकर गुलाब का फूल घमंड से बोला अब मैं किसी फूल से बात नहीं करुंगा जब तक सारे फूल हमें अपना राजा नहीं चुनलेते हैं।

 अच्छा तो यह बात है तुम फूलों का राजा बनना चाहते हो?"

"हां,जब तक तुम सारे फूल हमें अपना राजा नहीं चुन लोगे तबतक मैं किसी फूल सै नहीं बोलूंगा। "

  गुलाब के फूल की बात सारे बाग के फूल सुनकर बोले तो तुम राजा बनना चाहते हो! मगर हम तुमको राजा नहीं बना सकते हैं तुम जो चाहो कर लो अब हम भी तुमसे नहीं बोलेंगे। तुम्हारा फूल पूछता ही कौन है सब लोग तुमसे नफरत करते से तुमको कोई तोड़ने जाता है तो उसके हाथ में तेरा कांटा चुभ जाता है। सब तुमसे नफरत ही करते हैं तितलियां तो तुम्हारे पास जाती नहीं हैं। तुम्हारा फूल चढ़ाने के काम भी नहीं आता है। तुमको अपने पर घमंड हो गया है।

तुम्हारा घमंड अपने आप टूट जाएगा।

 इतना कहकर सारे फूलों ने गुलाब के फूल से बोलना बंद कर दिया। कुछ दिन बाद भौंरा फिर गुलाब के फूल के पास आकर बोला गुलाब भाई क्या हुआ तुमको राजा बनाने की बात फूलों ने माना या नहीं?"

 भौंरे की बात सुनकर गुलाब उसपर आग बबूला हो गया और भौंरे को डांटते हुए बोला तुम्हारी बातों में आकर हमने फूलों से दोस्ती तोड़ ली। 

चले जाओ तुम यहां से और फिर कभी हमारे पास मत आना। तुम मुझे भड़काने आते हो। 

 गुलाब के फूल ने भौंरे को डांटकर बाग से भगा दिया। भौंरा अपना गीरा चेहरा लेकर वहां से चला गया।

कुछ महीना बीत गया गुलाब का फूल अकेला पड़ा मन ही मन अपने किए घमंड पर पछता रहा था। एक रोज गुलाब का फूल गेंदा के फूल से बोला गेंदा भाई हमने अपने आप पर घमंड कर के बहुत गलती की असल में हमें भौंरे ने गलत सीख दी थी उसी के कहने में आकर हमें राजा बनने का घमंड हो गया था। आज मैं घमंड कर के बहुत पछता रहा हूं। आज मैं सभी फूलों से माफी मांगता हूं ऐसी गलती कभी नहीं करुंगा। तुम सब हमें माफ कर के फिर से अपना दोस्त बना लो ।

गुलाब की इतनी बात सुनकर गेंदा का फूल बोला तुमने आज अपनी गलती मान ली इसलिए हम तुमको माफ करते हैं। आइंदा ऐसी गलती की तो कभी माफ नहीं करेंगे।

 गुलाब का फूल गेंदा के फूल की बात सुनकर बोला अब मैं जीवन में कभी राजा बनने की बात नहीं करुंगा ।

गुलाब के फूल की बात सुनकर सारे फूल फिर से गुलाब के फूल को अपना दोस्त बना लिया और सारे फूल पहले की तरह फिर मिलजुलकर रहने लगे।

- बद्री प्रसाद वर्मा अनजान 
गल्ला मंडी गोला बाजार 273408
गोरखपुर उ. प्र., मो. 9838911836

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