Bal Kavita Kosh In Hindi: सागर

Dr. Mulla Adam Ali
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सागर


इस धरती पर बड़ी शान से,

सागर लहर-लहर लहराता ।

तट से अगर इसे देखो तो,

अपना अभिनव रूप दिखाता।

नजर जहाँ तक जाती अपनी,

जल ही जल दिखलाई देता।

ऊँची-ऊँची लहरों से यह,

अपनी छवि सुन्दर कर लेता।

सीपी, शंख, कौड़ियाँ, घोंघे,

सब सागर में पाए जाते ।

देख अनोखे इन जीवों को,

बच्चे सभी चकित रह जाते।

बड़े-बड़े जलयान हमेशा,

इस सागर में दौड़ लगाते ।

दूर देश की रंग बिरंगी,

दुनिया ये हमको दिखलाते ।।


- डॉ. परशुराम शुक्ल

बाल साहित्यकार,

भोपाल (मध्यप्रदेश)

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