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Hindi Bal Kavita Sagar
Sagar Par Hindi Kavita
सागर
इस धरती पर बड़ी शान से,
सागर लहर-लहर लहराता ।
तट से अगर इसे देखो तो,
अपना अभिनव रूप दिखाता।
नजर जहाँ तक जाती अपनी,
जल ही जल दिखलाई देता।
ऊँची-ऊँची लहरों से यह,
अपनी छवि सुन्दर कर लेता।
सीपी, शंख, कौड़ियाँ, घोंघे,
सब सागर में पाए जाते ।
देख अनोखे इन जीवों को,
बच्चे सभी चकित रह जाते।
बड़े-बड़े जलयान हमेशा,
इस सागर में दौड़ लगाते ।
दूर देश की रंग बिरंगी,
दुनिया ये हमको दिखलाते ।।
- डॉ. परशुराम शुक्ल
बाल साहित्यकार,
भोपाल (मध्यप्रदेश)
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