Hindi Children's Poem Hum Bachhon Ke Adhbut Khel in Hindi by Dr. Parshuram Shukla Hindi Pratinidhi Bal Kavitayein for Kids Poems in Hindi.
Poem Hum Bachhon Ke Adhbut Khel
हिंदी बाल कविता हम बच्चों के अद्भुत खेल : बचपन के खेलों पर बेहतरीन बाल कविता हम बच्चों के अद्भुत खेल आज आपके लिए प्रस्तुत हिंदी बाल कविता कोश में डॉ. परशुराम शुक्ल की प्रतिनिधि बाल कविता संग्रह से संग्रहित हिन्दी बच्चों के खेलों पर विशेष कविता हम बच्चों के अद्भुत खेल।
Hindi Children's Poems on Childhood Games
हम बच्चों के अद्भुत खेल
मस्ती वाले बड़े निराले,
हम बच्चों के अद्भुत खेल।
संडे के दिन हम सब करते,
धमा चौकड़ी रेलमपेल।
कभी दौड़ते कभी भागते,
कभी खेलते ठेलमठेल ।। हम बच्चों...
कोई बनता चोर सिपाही,
कोई बनता इंजन रेल।
कोई पुलिस सिपाही बन कर,
पहुँचाता है सबको जेल ।। हम बच्चों...
कोई खेले गुल्ली-डण्डा,
कोई क्रीकेट वाला खेल।
कोई सबको दाँत दिखाता,
कोई खाता पूरी भेल ।। हम बच्चों...
छीन झपट कोई ले जाता,
लाल नोकिया वाला सेल।
कोई हाथ बढ़ा कर कहता,
हैल्लो मिस्टर वैरी वेल ।। हम बच्चों...
छोटा चिंटू हरदम पढ़ता,
लम्बी-लम्बी फैरी टेल।
देख उसे हम सब कहते हैं,
नॉटी बच्चे गो टू हेल ।। हम बच्चों...
मस्ती वाले बड़े निराले,
हम बच्चों के अद्भुत खेल ।।
- डॉ. परशुराम शुक्ल
बाल साहित्यकार,
भोपाल (मध्यप्रदेश)
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