तेलुगु अनूदित कविता : हम चिंगारी हैं

Dr. Mulla Adam Ali
0

Telugu Translated Poem in Hindi Hum Chingari Hain, Hindi Kavita Kosh, Telugu Poetry in Hindi, Translation Hindi Poetry, Telugu Anudit Kavita.

Hum Chingari Hain

Telugu Translated Poem

हम चिंगारी हैं तेलुगू से अनूदित कविता : भारतीय भाषाओं से अनूदित हिंदी कविता, हम चिंगारी हैं अनुवाद कविता, तेलुगू कविताएं, हिंदी अनुवाद कविताएं, कविता कोश।

अनूदित तेलुगू हिंदी कविता

हम चिनगारी हैं


डेडी को हमेशा अंग्रेजी का शौक

मम्मी को सदा कान्वेंट की फिक्र


घर में रोज मचा रहता है 'पढो पढो' का शोर

मन में दिन-रात चलता रहता है 'रैंक' का फेर


पुस्तकें - सबकें - जबानी यादें

परीक्षाएँ - अंक प्रोग्रेस रिपोर्ट


न खेल-कूद न गाना-वाना

नित्य बेंतों का नाच ही जाना


इधर-उधर देखूं तो गरज

बात करूँ तो घूरती नजर


न मीठी बात

न ही रोचक कहानी


उदासीनता की नजरें

समय काटने के लिए सबके


हमेशा मुझे इंद्रधनुष से है लगाव

पर दीखते चारों ओर 'मुर्गी फ़ार्म'


पक्षी-सा उडना चाहता हूँ मैं

वे चाहते कि कछुआ-सा चलता बनूँ मैं


मैं चाहता हूँ कि मछली बन ज्ञान-वाहिनी में तैरूँ

वे चाहते हैं कि मैं मेंढक बन बक-बक करता फ़िरूँ


हरे-भरे घास, पेड-पौधों में लगता है मेरा जी

हँसते चेहरे खोजे नहीं मिलते मुझे कहीं भी


जहाँ देखूँ वहाँ

बहुमंजिल वाले बादल

चराये जाते झुण्ड


जो कुछ भी हो, कारण जो भी हो

गयी गुजरी व्यवस्था की पीडा के पैरों

दबती-कुचलती चिनगारी हैं हम ।


- तेलुगु मूल : वंगर लक्ष्मीकान्त

अनुवाद : डॉ. वेन्ना वल्लभराव

Related; धरती ने कहा था कभी : हिंदी कविता

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें (0)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Accept !
To Top