हिंदी बाल कविता संग्रह: बचपन

Dr. Mulla Adam Ali
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Childhood Poem in Hindi

poem on bachpan

Bachpan Par Bal Kavita

बचपन

कभी हँसाता, कभी रूलाता,

ढेरों मित्र बनाता बचपन ।

सबका प्यार दुलार दिलाता,

याद सभी को आता बचपन ।

ऊँच नीच का भेद न करता,

प्यार सभी का पाता बचपन ।

अपनी नटखट लीलाओं से,

सबका मन हर्षाता बचपन।

चिड़ियाघर की सैर कराता,

सरकस भी ले जाता बचपन।

खेल खिलौने, गुड़िया गुड्डा,

बच्चों को दिलवाता बचपन ।

बच्चे जब बूढ़े हो जाते,

छोड़ उन्हें खो जाता बचपन।

दुखी दिनों में सुखी दिनों की,

याद दिलाने आता बचपन ।।


- डॉ. परशुराम शुक्ल

बाल साहित्यकार,

भोपाल (मध्यप्रदेश)

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