प्रतिनिधि बाल कविता: कबूतर

Dr. Mulla Adam Ali
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Hindi Poem on Pigeon

poem on Pigeon

Bal Kavita Kabutar

कबूतर

भारत सहित कई देशों में,

यह पक्षी मिल जाता।

भरता है लम्बी उड़ान यह,

सारा जग बतलाता ।।

धवल सफेद और कुछ काला,

रंग बिरंगा होता।

पास बस्तियों के रहता है,

खण्डहरों में सोता ।।

विश्व शांति का दूत कबूतर,

सन्देशे पहुँचाता।

चाहे कितनी भी दूरी हो,

फौरन आता जाता ।।

खाता है दाने अनाज के,

और गुटर गूँ करता।

अगर पालतू बन जाये तो,

नहीं किसी से डरता ।।


- डॉ. परशुराम शुक्ल

बाल साहित्यकार,

भोपाल (मध्यप्रदेश)

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