बाल कविता: कुछ तो दया करो महरानी

Dr. Mulla Adam Ali
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Maharani Kuch to Daya Karo

Bijali Par Bal Kavita

बिजली पर बाल कविता : हिन्दी बाल कविता बिजली के विषय पर आधारित हिंदी कविता, गर्मी के मौसम में बिजली की समस्या से सभी परेशान होते है, आधुनिक जीवन बिजली के बिना असंभव है, बिजली चले जाने पर कोई काम नहीं हो सकता, आजकल सभी सभी काम बिजली पर ही निर्भर है। बिजली की समस्या पर कविता कोश में आज आपके लिए यह कविता।

Bijali Par Bal Kavita

कुछ तो दया करो महरानी

आ जाओ हे बिजली रानी !

क्यों करती इतनी मनमानी।

जब मन होता तब चल देती,

याद सभी को आती नानी ।

मौसम गर्मी, बहे पसीना,

जैसे बहता नल से पानी ।

पढ़ना-लिखना मुश्किल है सब,

ना जाने क्या तुमने ठानी।

चौपट सब कुछ हो जाएगा,

ठीक नहीं इतनी नादानी ।

इम्तहान हैं सर पर मेरे,

कुछ तो दया करो महरानी ।।


- डॉ. परशुराम शुक्ल

बाल साहित्यकार,

भोपाल (मध्यप्रदेश)

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