Bal Kavita Kosh: और संग उड़ जाँऊगी

Dr. Mulla Adam Ali
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Hindi Bal Kavita Titli

और संग उड़ जाँऊगी


तितली रानी, तितली रानी,

कौन देश से आती हो ?

फूल फूल का रस पीती हो,

फुर से फिर उड़ जाती हो।

अपने इन सुन्दर पंखों पर,

क्यों इतना इतराती हो?

छोटे-छोटे हम बच्चों को,

क्यों तुम नाच नचाती हो?

रंग बिरंगे फूलों के संग,

क्यों तुम हँसती गाती हो?

हम बच्चों से कौन जन्म का,

उड़ कर बैर निभाती हो।

तितली रानी मैं भी इक दिन,

तितली बन कर आऊँगी।

तुमसे जी भर बात करूँगी,

और संग उड़ जाऊँ गी ।।


- डॉ. परशुराम शुक्ल

बाल साहित्यकार,

भोपाल (मध्यप्रदेश)

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