Bal Kavita: वो बातें बचपन की

Dr. Mulla Adam Ali
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बचपन पर कविता वो बातें बचपन की : बचपन सभी को प्यारा होता है, बचपन की यादें आजीवन के लिए एक उपहार होते है। बचपन किया हुआ मस्ती, खेला गया खेल कूद, बचपन एक मासूम और सुनहरा पल है। आज आपके ऐसे खूबसूरत बचपन पर विशेष बच्चों के लिए एक बाल कविता वो बातें बचपन की। डॉ. परशुराम शुक्ल की प्रतिनिधि बाल कविता संग्रह से संग्रहित हिन्दी बाल कविता वो बातें बचपन की। कविता कोश में आप यह कविता पढ़े और शेयर करें।

Childhood Children's Poem in Hindi

वो बातें बचपन की


याद बहुत आती हैं मुझको,

वो बातें बचपन की।

मम्मी की गोदी पर चढ़ना,

और खिलौने लाना ।

नाव चलाकर कागज वाली,

संग में दौड़ लगाना।

सब से सुन्दर घड़ियाँ वे ही,

बीत चुके जीवन की ।। वो बातें...

बच्चों के संग रोना गाना,

हँ सना शोर मचना ।

बिना बात के झगड़ा करना,

रूठा यार मनाना ।

फिक्र नहीं रहती थी मुझको,

अपने तन-मन-धन की। वो बातें...

बस्ता कंधे पर लटका कर,

पैदल-पैदल जाना।

छुट्टी का जब मन होता तो,

करना नया बहाना।

गूंज सुनाई देती अब तक,

घण्टे के टन-टन की ।। वो बातें...

हे ईश्वर ! यह मेरी विनती,

मेरा सब कुछ ले लो।

तीन लोक के स्वामी मेरा,

बचपन मुझको दे दो।

बात कह रहा तुमसे दाता,

सच-सच अपने मन की। वो बातें...

याद बहुत आती हैं मुझको,

वो बातें बचपन की ।।


- डॉ. परशुराम शुक्ल

बाल साहित्यकार,

भोपाल (मध्यप्रदेश)

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