Children's Poem on Manav in Hindi, Human Poetry in Hindi, Pratinidhi Bal Kavitayein by Dr. Parshuram Shukla Poetry in Hindi.
Manav Bal Kavita In Hindi
मानव पर बाल कविता : मानव के विषय पर आधारित बेहतरीन हिंदी बाल कविता मानव, मानव आज समाज में उन्नति प्राप्त कर नए आसमानों को छू रहा है, ज्ञान विज्ञान के क्षेत्र में वह आज आसमान तक पहुंच गया है। इस धरती पर सभी प्रकार के विषयों पर लगभग ज्ञान प्राप्त कर लिया है वैसे ही मानव आज भी ऊंच नीच का भेद नहीं मिटा रहा है। आज भी मानव जाति, धर्म पर सांप्रदायिक लड़ाई लड़ रहा है। आज ऐसी ही एक कविता मानव पर डॉ. परशुराम शुक्ल की प्रतिनिधि बाल कविता संग्रह से संग्रहित आपके लिए प्रस्तुत है।
Childrens Poem on Human in Hindi
मानव
मानव ने अपना विकास कर,
मानवता को सत्य बनाया।
और अनोखे रूप दिखा कर,
अपनी ताकत को दर्शाया ।।
ऊँचे-ऊँचे भवन बनाये,
आसमान को छूने वाले ।
जिन्हें देखने वाला अपनी,
उँगली दाँतों बीच दबा ले ।।
बड़े वेग से उड़ने वाले,
रॉकेट युक्त विमान बनाये।
जो इस धरती के लोगों को,
चन्द्रलोक की सैर कराये ।।
सूझबूझ से मानव ने फिर,
ऐसा अभिनव क्लोन बनाया।
जिसे देख कर खुद मानव का,
एक बार तो मन भरमाया।
इन्टरनेट, कम्प्यूटर, टी.वी.,
सबका मानव जीवनदाता ।
जो भी प्रगति हो रही जग में,
है सबका मानव से नाता ।।
मानव की महिमा पृथ्वी पर,
बच्चो ! इसका कण-कण गाता।
मानव सर्वोपरि है जग में,
मानव सबका भाग्यविधाता ।।
- डॉ. परशुराम शुक्ल
बाल साहित्यकार,
भोपाल (मध्यप्रदेश)
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