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Bal Kavita Mitthu Totha
Hindi Children's Poem on Parrot
मिट्ठू तोता
रंग बिरंगा मिट्टू तोता,
सबका मन हर्षाता है।
रोज सवेरे सदा नियम से,
जम कर शोर मचाता है।
पहले रटता राम नाम फिर,
अपने आप नहाता है ।
कच्चे पक्के सभी फलों को,
बड़ स्वाद से खाता है ।।
अगर कभी पिंजरा खुल जाये,
झट बाहर आ जाता है ।
इस डाली से उस डाली पर,
फुर से वह उड़ जाता है।।
चाहे जितना दौड़ो भागो,
नहीं पकड़ में आता है ।
चुन्नू, मुन्नू, गीता, सीता,
सबको नाच नचाता है ।।
- डॉ. परशुराम शुक्ल
बाल साहित्यकार,
भोपाल (मध्यप्रदेश)
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