Bal Kavita In Hindi: अपनी मंजिल पाते

Dr. Mulla Adam Ali
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अपनी मंजिल पाते

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अपनी मंजिल पाते


निर्भय पथ पर बढ़ने वाले,

अपनी मंजिल पाते ।

परमपिता ने भेजा तुमको,

कुछ कर दिखलाने को ।

मानव रूप दिया है उसने,

सब कुछ कर पाने को ।

और कहा जो नर दुख में भी,

रहते हँसते गाते ।। अपनी...

आलस कर जो बैठे रहते,

कभी नहीं कुछ पाते ।

जो दुनिया से टकराते वो,

कभी नहीं घबराते ।

आयें कितनी भी बाधाएँ,

आगे बढ़ते जाते ।। अपनी...

आगे बढ़ना सरल नहीं है,

यह तो निश्चित जानो ।

लेकिन मानव हो मानव की,

ताकत को पहचानो ।

मानव कार्य असम्भव जैसे,

भी सम्भव कर जाते ।। अपनी...

आगे बढ़ने वाले नर ही,

जग में नाम कमाते ।

जीवन का सच्चा सुख पाते,

अजर अमर हो जाते ।

राम, कृष्ण, गौतम, ईसा से,

वे ईश्वर कहलाते । अपनी...

निर्भय पथ पर बढ़ने वाले,

अपनी मंजिल पाते ।।


- डॉ. परशुराम शुक्ल

बाल साहित्यकार,

भोपाल (मध्यप्रदेश)

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