पराजय बेला : रितु वर्मा की कविता

Dr. Mulla Adam Ali
0

Parajay Bela Hindi Kavita by Ritu Verma, Hindi Poetry Collection, Ritu Verma Poetry, Hindi Kavita Kosh, Poetry Community.

Ritu Verma Poetry in Hindi

Ritu Verma Poetry in Hindi

हिंदी कविता पराजय बेला : जीवन संघर्ष पर आधारित कविता पराजय बेला, नई दिल्ली से रितु वर्मा की कविता हिन्दी में आपके लिए कविता कोश में प्रस्तुत है पराजय बेला।

Ritu Verma Ki Kavita

पराजय बेला


अभी पराजय बेला चल रहीं 

ग्रह नक्षत्र मेरे ठीक नहीं 

विफलताओं से घिरी हुई मैं 

हर तरफ हारी हुई....

माना की बुरा दौर चल रहा 

संघर्ष निरंतर करते रहना ही 

एक मात्र उपाय है,  

कर्मों का गणित कभी खाली नहीं जाता

उसी प्रतीक्षा मैं द्वार खड़ी...

आज अंधकारमय जीवन है तो क्या हुआ?

कल भोर का उजाला द्वार खड़ी 

सब और मिली निराशा तो क्या हुआ?

फिर से एक नई उम्मीद जगायेगे

आज के इस पराजय बेला में ..

एक नई हल्की किरण फुट पड़ी ,

जीवन के हर क्षण उतार-चढाव में 

हर पल एक नया अनुभव पाएंगे,

कि जो ग़लतियां उस क्षण में        

पुनः नहीं दोहराएंगे,

जितनी जीवन में घड़ियाँ बीती 

उससे सीख पाते जाएंगे...

नहीं रखना कभी बैर किसी से 

मन में संकल्प बनाएंगे.....

अपने नित कर्मों के बल से 

अपनी सफलता की राह बनाएंगे।


- रितु वर्मा

नई दिल्ली

ये भी पढ़ें; यात्रा के विषय पर बेहतरीन कविता : उत्तर-पूर्वी यात्रा

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें (0)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Accept !
To Top