Bal Kavita: परियाँ आती थीं

Dr. Mulla Adam Ali
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Hindi Children's Poems, Bal Kavita Sangrah in Hindi by Dr. Parshuram Shukla Hindi Pratinidhi Bal Kavitayein for Kids.

Pariya Aati Thi Hindi Kavita

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परियाँ आती थीं बाल कविता : बच्चे नींद न आने पर दादी से कहानी सुनाने को कहते हैं तो दादी हमें बहुत सारे कहानियां सुनती है, उसमें पारियों, राजकुमार, जंगल की कहानियां आदि कई प्रकार होते हैं। आज दादी सुनाई गई परियाँ आती थीं के विषय पर एक बाल कविता, डॉ. परशुराम शुक्ल की प्रतिनिधि बाल कविता संग्रह से आपके लिए प्रस्तुत है।

Children's Poem on Angel

परियाँ आती थीं


दादी कहती आसमान से,

परियाँ आती थी।

बात पुरानी मुझे सुनाती,

मेरी अच्छी दादी ।

परियों वाली कथा सुनाती,

मेरी अच्छी दादी ।

मेरे बार-बार कहने पर,

मुझे बताती थीं ।। परियाँ...

कभी-कभी कुछ ऐसा होता,

भोले बच्चे रोते ।

रोकर बड़े दुखी मन से वे,

जब बिस्तर पर सोते ।

तब उनके सपने में आकर,

वे बहलाती थीं। परियाँ...

गोरी-गोरी सुन्दर-सुन्दर,

अच्छे कपड़े पहने ।

सर से पाँव तलक अलबेले,

मोती वाले गह ने ।

बच्चों के मन भाने वाले,

गीत सुनाती थीं। परियाँ...

उनके गीत सुनाने पर सब,

बच्चे खुश हो जाते ।

परियों के संग धूम मचाते,

परियों के संग गाते ।

जाते-जाते वे बच्चों को,

खुश कर जाती थीं। परियाँ...

दादी कहती आसमान से,

परियाँ आती थीं।


- डॉ. परशुराम शुक्ल

बाल साहित्यकार,

भोपाल (मध्यप्रदेश)

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