प्रतिनिधि बाल कविता: मन करता है

Dr. Mulla Adam Ali
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Childrens Poem Man Karta Hai

मन करता है


मम्मी ! मन करता है मेरा,

रोज बाग में जाऊँ ।

बाग बगीचों में खेलूँ मैं,

जी भर मौज मनाऊँ ।।

मम्मी ! मन करता है मेरा,

तितली सा उड़ जाऊँ ।

पंछी सा उपवन में डोलूँ,

मीठे गीत सुनाऊँ ।।

मम्मी ! मन करता है मेरा,

सागर सा लहराऊँ,

बर्फीले पर्वत पर घूमँ,

जंगल में खो जाऊँ ।।

मम्मी ! मन करता है मेरा,

नानी के घर जाऊँ ।

पीपल की छाया के नीचे,

मीठे जामुन खाऊँ ।।

मम्मी ! मन करता है मेरा,

तुमसे भी बतियाऊँ ।

लेकिन ये सब करूँ कि अपना,

होमवर्क निपटाऊँ ।।


- डॉ. परशुराम शुक्ल

बाल साहित्यकार,

भोपाल (मध्यप्रदेश)

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