बाल कविता: सागर लहर-लहर लहराता

Dr. Mulla Adam Ali
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Hindi Children's Poem on Sagar in Hindi by Dr. Parshuram Shukla Kids Poems in Hindi, Pratinidhi Bal Kavitayein for Childrens.

Sagar Lahar Lahar Lahrata

Sagar Lahar Lahar Lahrata

हिन्दी कविता सागर लहर-लहर लहराता : प्रतिनिधि बाल कविता संग्रह से संग्रहित डॉ. परशुराम शुक्ल की बाल कविता सागर लहर-लहर लहराता आज आपके समक्ष प्रस्तुत हिन्दी बाल कविता कोश में पढ़िए और शेयर कीजिए।

Hindi Children's Poetry

सागर लहर-लहर लहराता

एक नई दुनिया दिखलाता।

सागर लहर-लहर लहराता।

बच्चों इसकी सुनो कहानी,

दूर-दूर तक फैला पानी।

जीव बहुत से रहते इसमें,

जिनका हमसे गहरा नाता।

सागर................

बादल इससे पानी लाते ।

आकर धरती पर बरसाते ।

मोती जैसा रत्न निराला,

मानव सागर से ही पाता।

सागर................

देर देश की सैर कराता।

रूस, चीन सब हमें दिखाता।

आकर कभी-कभी गुस्से में,

कहर सुनामी सा बरपाता।

सागर......…......

एक नई दुनिया दिखलाता ।

सागर लहर-लहर लहराता।


- डॉ. परशुराम शुक्ल

बाल साहित्यकार,

भोपाल (मध्यप्रदेश)

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