बाल्यापन : हिन्दी बाल कविता - Bal Kavita In Hindi Balyapan

Dr. Mulla Adam Ali
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Children's Poem in Hindi on Childhood by Uttam Kumar Tiwari Uttam, Hindi Bachpan Bal Kavita, Bachpan Kids Poems in Hindi.

Hindi Poem on Childhood

Hindi Poem on Childhood

बाल कविता बाल्यापन : बचपन के विषय पर हिन्दी में सुंदर बाल कविता बाल्यापन आपके लिए हिन्दी बाल कविता कोश में प्रस्तुत है उत्तम कुमार तिवारी की कविता। बचपन की यादें ताजा करती ये कवित बाल्यापन, हिन्दी बाल्यापन कविता संग्रह।

Balyapan Hindi Bal Kavita 

बाल्यापन


मेरा छोटा भाई घर भर का बहुत दुलारा है ।

बाबा दादा दादी सबकी आँखो का वो तारा है ।।

दिन भर करता धमा चौकड़ी उधम खूब मचाता है ।

चाचा चाची को पकड़ पकड़ कर सबको खूब नचाता है ।।


कभी बनेगा कृष्ण कन्हैया मुरली रोज बजाता है. ।   

राधा बन कर मेरे संग वो हमको खूब सताता है ।।

पापा मेरे नंद बबा अम्मा को यशुमति बुलाता है ।

दूध दही खाने के खातिर दिन भर उत्पात मचाता है ।।


चक्र सुदर्शन धारण करके विष्णु कभी बन जाता है ।

रूप धरेगा भिन्न भिन्न फिर सबको रूप दिखता है ।।

मोहन प्यारे बन बन कर वो दिन भर रास रचाता है ।

अर्जुन बन कर धनुष बान से दिन भर खेला करता है ।।


गीता का उपदेश सुना कर पाप पुण्य बतलाता है । 

जा जा कर घर मे सबको धर्म अधर्म का ज्ञान सुनाता है ।।

बाल्यापन मे ये खेल खेल कर सबको वो हर्षाता है ।

मेरा छोटा भाई घर भर का बहुत दुलारा है ।।

 

- उत्तम कुमार तिवारी 

लखनऊ, उत्तर प्रदेश, भारत

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