Hindi Sair Balgeet Chale Sair Ko Puri, Dwaraka by Rakesh Chakra Children's Poems, Hindi Balgeet, Bal Kavita In Hindi, Children's Poetry, Kids Poems in Hindi.
Chale Sair Ko Puri, Dwaraka
सैर के विषय पर बेहतरीन बालगीत : बच्चों के सैर पर आधारित हिन्दी बालगीत चले सैर को पुरी, द्वारिका, बाल कविता कोश में प्रस्तुत है राकेश चक्र की बाल कविताएं, पढ़े और शेयर करें, बच्चों के लिए रचनाएं।
Hindi Sair Balgeet
चले सैर को पुरी, द्वारिका
चले सैर को पुरी , द्वारिका
सागर गीत सुनाता है।
अंजू , संजू अपनी धुन में
मन सागर बन जाता है।
खारे जल में खूब नहाए
लहरें आतीं उछल-उछल कर।
लेती अपनी गोद बलैया
तन हो जाता मचल-मचल तर।
खेल खिलाती लहरें सबको
जीवन राग सुनाता है।
चले सैर को पुरी , द्वारिका
सागर गीत सुनाता है।
बच्चे खेल रहे बालू से
चित्र बनाते नए-नए हैं।
कोई रूप बनाकर घर का
खूब सजाते उसको ही हैं।
संजू हाथी, ऊँट बनाकर
मन ही मन मुस्काता है।
चले सैर को पुरी, द्वारिका
सागर गीत सुनाता है।
कोई बीने शंख, सीप ही
कोई लाए चुनकर कौड़ी।
सर-सर-सर-सर हवा झुलाए
कोई खेले दौड़ा-दौड़ी।
अद्भुत दृश्य देखने प्रभु के
सागर हमें बुलाता है।
चले सैर को पुरी , द्वारिका
सागर गीत सुनाता है।
- डॉ. राकेश चक्र, 90 बी, शिवपुरी
मुरादाबाद 244001, उ.प्र.,
यूट्यूब चैनल योग साहित्य संस्कृति।
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