Hindi Balgeet by Rakesh Chakra, Dada ji ki man ki Baat Hindi Bal Geet, Children's Poem, Kids Poems, Bal Kavita in Hindi.
Dada Ji Ki Man Ki Baat
बालगीत इन हिन्दी : हिन्दी बाल कविता कोश में प्रस्तुत है जाने माने हिंदी बाल साहित्यकार डॉ. राकेश चक्र की प्रेरणादायक बालगीत दादाजी की मन की बातें। पढ़िए कविता संग्रह में ये खूबसूरत बालगीत और शेयर कीजिए।
Balgeet in Hindi Dada Ji Ki Man Ki Baatein
दादाजी की मन की बातें
महँगी है हर चीज यहाँ पर
महंगा पीना खाना ।
नए - नए हैं रोग बढ़ रहे।
बढ़े कचहरी थाना।।
संबधों की डोर टूटती
मिटा प्रेम और जज्बात।
दादा जी अब बैठे - बैठे
सोचें आज-कल की बात।
जगह घिरी यदि आवासों में
मुश्किल हो जायँ हालात।
झूठ- मूठ का बढ़ा दिखावा
यूँ ही शोर मचाना।
महँगी है हर चीज यहाँ पर
महंगा पीना खाना।।
विष फैला भू, नदियाँ, जल में
कूड़े के बनते पहाड़।
हुआ है अम्बर धराशायी
गिरि हो रहे बंजर ताड़।
मौसम का भी चक्र बदलता
सूखा पड़ता आय बाढ़।
हँसी मुखों से है छूमंतर
किसको क्या समझाना।
महँगी है हर चीज यहाँ पर
महंगा पीना खाना ।।
प्रकृति से खिलवाड़ चल रहा
सभी कर रहे मनमानी।
समरसेबल का पानी बहता
चिंतित हैं दादी ,नानी।
बड़ा प्रदूषण चारों दिग में
गुमसुम है मीठी वाणी।
मोबाइल में उलझ गए सब
बदला लगे जमाना।
महँगी है हर चीज यहाँ पर
महंगा पीना खाना।।
- डॉ राकेश चक्र, 90 बी, शिवपुरी
मुरादाबाद 244001, उ.प्र.
यूट्यूब चैनल योग साहित्य संस्कृति।
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बहुत खूब आदरणीय!!
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