पाँच इन्द्रियाँ हैं अनमोल : बच्चों के लिए शिक्षाप्रद बालगीत

Dr. Mulla Adam Ali
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Paanch Indriyan Hain Anmol

Paanch Indriyan Hain Anmol

बालगीत हिन्दी में : बच्चों के लिए ज्ञानवर्धक शिक्षाप्रद हिन्दी बाल गीत पाँच इन्द्रियाँ हैं अनमोल, राकेश चक्र की बाल कविताएं आज आपके लिए हिन्दी बाल कविता कोश में प्रस्तुत है, पढ़े और शेयर करें।

Hindi Kids Poem : Five Sense

पाँच इन्द्रियाँ हैं अनमोल


ईश्वर ने दीं पाँच इन्द्रियाँ

हैं अतिशय सब ही अनमोल।

पंच तत्व का तन है अपना

भू, जल, वायु, अनल, नभ गोल।


आँखें जीवन दृष्टि दिखातीं

इनको ठंडे जल से धोना।

मोबाइल, टीवी से बचना

नहीं पड़े फिर हमको रोना।


बिना आँख वालों से पूछो

आँखों का कितना है मोल।


जिह्वा हमको स्वाद बताती।

सोच समझकर ही कुछ खाना।

बचना अक्सर फास्ट फूड से 

कोल्ड ड्रिंक के पास न जाना।


हरदम बोलो मीठी वाणी

अच्छे लगें न कड़वे बोल।


श्रवण इंद्रिय कान हमारे

निंदा इससे कभी न सुनना।

भजन कीर्तन की आवाजें

इससे सुनकर मन में गुनना।


मोबाइल बहरा है करता

कभी न पीटो इसके ढोल।


चौथी इंद्रिय नाक हमारी

अच्छी , बुरी महक बतलाए।

खाने की हर चीज सूँघकर

ताजा- बासा ज्ञान कराए।


साँसों को यह जीवन देती

योग करें तो जगे खगोल।


इंद्रिय पंचम त्वचा हमारी

जो छूकर करवाती ज्ञान।

तेज धूप हो या हो ठंडक

पल भर में करवाती भान।


हर इंद्रिय पर रखें नियंत्रण

कदम न होंगे डोलम-डोल।


कुदरत के अनमोल खजाने,

से हमको आनंद लुटाना।

पाँच इन्द्रियों के संगम से,

दुनिया को खुशहाल बनाना।


अपनी कमियाँ ठीक करें हम,

स्वयं सदा ही हृदय टटोल।


पाँच इन्द्रियाँ हमें मिली हैं,

ईश्वर से अनुपम उपहार।  

नहीं खरीदी जा सकतीं ये,

कितना भी धन दे संसार। 


शरीर संरचना है अद्भुत,

कौन सका है इसको तोल।


- डॉ. राकेश चक्र, 90 बी, शिवपुरी

मुरादाबाद 244001, उ.प्र .

यूट्यूब चैनल योग साहित्य संस्कृति।

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