Hindi Bal Sahitya Facebook Group Live Program on Modern Hindi Children's Literature: Condition and Direction, Dr. Divik Ramesh Facebook Live, Hindi Children's Literature, Kids Literature in Hindi. Aadhunik Bal Sahitya in Hindi.
आधुनिक हिन्दी बाल साहित्य : दशा और दिशा
फेसबुक पर हिन्दी बाल-साहित्य (Hindi Bal Sahitya) समूह में आज हिन्दी के जाने माने बाल साहित्यकार डॉ. दिविक रमेश जी द्वारा फेसबुक लाइव कार्यक्रम आधुनिक बाल साहित्य: दशा एवं दिशा पर आयोजित किया गया है। Dr. Divik Ramesh जी हिंदी के सुप्रतिष्ठित वरिष्ठ कवि, बाल साहित्यकार, अनुवादक तथा चिंतक है, उनका योगदान विशेष रूप बाल साहित्य में महत्वपूर्ण है। आज आधुनिक हिन्दी बाल साहित्य की दिशा, दशा और संभावनाएं पर लाइव कार्यक्रम आयोजित हुआ है, इस कार्यक्रम के दौरान बाल साहित्य से संबंधित विषयों पर चर्चा की गई है जैसे : बाल साहित्य क्या है और अच्छे बाल साहित्य की विशेषताएं क्या है?, 'बालकों के विकास में बाल साहित्य का योगदान', समाज के निर्माण में बाल साहित्य की भूमिका, वैज्ञानिक दृष्टिकोण, देश-प्रेम, विचार-विमर्श, मर्यादा और हिन्दी के प्रमुख बाल साहित्यकार और उनका साहित्यिक योगदान, बाल साहित्य में नैतिक शिक्षा, बाल साहित्य संरचना- ध्यान देने योग्य बातें, बाल साहित्य की प्रासंगिकता आदि। आप हिन्दी बाल साहित्य फेसबुक पेज द्वारा संचालित किया गया लाइव कार्यक्रम को डॉ. मुल्ला आदम अली हिंदी भाषा और साहित्यिक यूट्यूब चैनल पर देख सकते हैं।
Divik Ramesh नाम से ख्याति प्राप्त बाल साहित्यकार दिविक रमेश जी का मूल नाम रमेश चंद शर्मा है। उनका जन्म वर्ष 1946 में दिल्ली के किराड़ी गाँव में हुआ। विभिन्न विधाओं में लेखन किया है जैसे कविता, काव्य-नाटक, आलोचना एवं बाल-साहित्य आदि। आज विशेष रूप से आधुनिक बाल साहित्य पर लाइव प्रोग्राम का आयोजन हुआ है, इस कार्यक्रम के दौरान उन्होंने बाल साहित्य से संबंधित अनेक विषयों पर चर्चा किया है। देश के प्रमुख बाल साहित्यकार और उनकी रचनाएं, बाल साहित्य के महत्वपूर्ण गुण, बाल साहित्य की प्रासंगिकता, बच्चों की मनोवैज्ञानिकता, बाल साहित्य की आवश्यकता, बच्चों के मूल्य निर्माण में बाल साहित्य क्यों सहायक होती है आदि महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है।
बाल साहित्य क्या है? : बच्चों के मानसिक स्तर को आधार बनाकर रचा गया साहित्य ही बाल साहित्य माना जाता है, बाल साहित्य ऐसा होना चाहिए कि बालकों को मनोरंजन के साथ साथ सार्थक प्रेरणा और अच्छी सीख प्रदान करें। बाल साहित्य में चंपक, नंदन और चंदामामा जैसी पत्रिकाओं का महत्वपूर्ण योगदान रहा। यह लोकप्रिय बाल पत्रिकाएं है, आज बाल साहित्य में और भी कई नई नई पत्रिकाएं देखने को मिलती है। आज बाल साहित्य एक प्रमुख विधा बन गई है, बाल साहित्य पर लिखने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है, आज गूगल पर बाल साहित्य से संबंधित कई विधाएं जैसे बाल कहानी, बाल कविता, बाल नाटक, बाल जीवनी और आत्मकथाएं आदि विस्तार रूप से उपलब्ध है। यूट्यूब पर बाल कहानियां, कविताएं, नाटक, निबंध और बच्चों से सम्बन्धित बच्चों की गतिविधियाँ वीडियो के रूप में प्राप्त है।
बाल साहित्य का उद्देश्य है कि सामाजिक, भावनात्मक और बौद्धिक और भाषाई विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाना और बच्चों के मूल्य निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान देना। बच्चे बाल कहानियां और कविताएं पढ़कर मानसिक रूप से, व्यवहारिक रूप से कुछ सीख पाएंगे और उनके भाषा में सुधार प्राप्त होगा।
बाल साहित्य से संबंधित महत्वपूर्ण लिंक नीचे दिए गए हैं आप उन लिंक के जरिए बाल साहित्य लिखे गए उपयोगी लेखा पढ़े;
1. बाल साहित्य : Bal Sahitya - children's literature
2. Pratinidhi Bal Kavitayein : प्रतिनिधि बाल कविताएँ
3. जानिए बच्चों के लिए बाल साहित्य क्यों महत्वपूर्ण है : बाल-साहित्य और प्रसिद्ध बाल साहित्यकार
4. साहित्य अकादमी बाल साहित्य पुरस्कार विजेताओं की सूची : Bal Sahitya Puraskar List
5. बाल साहित्य का समीक्षात्मक अध्ययन
6. बाल पत्रिकाएँ और बाल जिज्ञासाएँ
7. हिंदी बाल कहानियों में गाँव : Hindi Bal Kahaniyon Mein Gaon
8. प्रेमचंद की कहानियों में बाल-जीवन
9. बाल साहित्य क्या है और अच्छे बाल साहित्य की विशेषताएं : Children's Literature
10. बाल कविता : बाल कविता अर्थ और परिभाषा | 70+ हिन्दी बाल कविताएँ
11. बाल साहित्य : बाल कहानियां | बाल कविताएं | Children's Hindi Literature
12. Popular Children's Book Quotes : 10+ CHILD READING QUOTES
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