Kendriya Sahitya Academy Hindi Bal Sahitya Puraskar 2019 Winning Balkatha Sanghrah Kachu ki Topi by Govind Sharma, Hindi Bal Kahani with Moral, Hindi ICSE and CBSE class 6th Hindi Lesson.
Kachu ki Topi : Govind Sharma
गोविंद शर्मा काचू की टोपी बाल साहित्य : बाल कहानी संग्रह में सुनिए ऑडियो स्टोरी केंद्रीय साहित्य अकादमी बाल साहित्य पुरस्कार 2019 से पुरस्कृत बालकथा संग्रह 'काचू की टोपी' से गोविंद शर्मा की लिखी बाल कहानी जो सच्चाई और ईमानदारी पर आधारित है।
काचू की टोपी : हिन्दी बाल कहानी
- कहानी का नाम : काचू की टोपी
- कहानीकार : गोविंद शर्मा
हिन्दी बाल कहानियों के सिद्धहस्त लेखक श्री गोविन्द शर्मा जी द्वारा लिखी गई बालकथा संग्रह को 2019 में बाल साहित्य का सर्वोच्च पुरस्कार साहित्य अकादमी बाल साहित्य पुरस्कार से नवाजा गया है। काचू की टोपी बाल-कहानी संग्रह में कहानियां है दोस्ती का फूल, काचू की टोपी, ईश्वर, मोबाइल कबूतर, अब नादानी नहीं, तारक की वफादारी, चूहों की घंटी, नींद की गोली, नाव से आगे, दोस्ती तेजू और सुस्तू की, सीख सुहानी बचपन से, सुपर साइकिल, किताबों के पैर, शेर की आजादी, घोड़ी का बच्चा, बेरी का भूत, शेर चिड़िया की दोस्ती, रस्सी बोली। काचू की टोपी बालकथा संग्रह की बालकथाएं बच्चों को नई ऊर्जा, नई सोच एवं नई दिशा प्रदान करने वाली है। काचू की टोपी कहानी संग्रह में हर एक कहानी मानवीय मूल्यों को बढ़ावा देती है और बालकों के व्यक्तित्व के साथ प्रौढ़ व्यक्तित्व को भी निखारने में ये कहानियां सहायक सिद्ध होगी। उन्नीस कहानियों का संकलन काचू की टोपी बालकों के लिए सचित्र वर्णन और शिक्षाप्रद, मूल्यों पर आधारित है।
सच्चाई और ईमानदारी पर आधारित बालकथा काचू की टोपी सरल और सहज भाषा में बच्चों को समझने में कोई परेशानी न हो ऐसी मूल्य निर्माण की कहानी है, काचू इस कहानी का नायक है, वह मेहनत मजदूरी करने वाला इंसान हैं। काचू पहाड़ों पर स्थित है, सर्दी की वजह से काम धंधा बंद पड़ा है तो वह काम की तलाश में शहर पहुंचता है। घर से लाया हुआ नाश्ता किया ही था उसे ठंड लगने लगी, उसको याद आया कि घर से निकलते समय पत्नी ने द्वारा थैली में रखी गई टोपी सर पर पहन ली तो गजब हो गया कि सारी ठंड गायब हो गई। काचू को पता नहीं चला की वह कितनी देर तक सो गया है, जब उठाकर देखा तो उसकी टोपी गायब है, उसने पार्क में जगह जगह पर तलाश की, टोपी गायब होते ही उसको तेज ठंड लगने लगी थी, पार्क में एक बेंच पर देखा तो उसकी टोपी जैसी एक टोपी पहना हुआ अजनबी सोया हुआ था, पास जाकर देखा तो क्या, वह उसकी ही टोपी है। काचू ने सोचा की उस इंसान को जगाकर अपनी टोपी वापस लेता हूं, फिर उसे लगा कि कई झगड़ा न हो जाए इसलिए वह चुपचाप बिना बताए टोपी लेने की सोच लिया।
काचू अपनी टोपी पार्क में सोए उस इंसान से चुपचाप वापस लेकर दोबारा पहना तो आश्चर्य चकित हुआ कि इस बार उसकी ठंड गायब नहीं हुई, उसे लगा कि बिना पूछे टोपी का लेना गलत है, इसलिए टोपी पहले जैसी गरमी नहीं दे रही है। काचू ने टोपी उस इंसान को को देने के लिए देखा तो पार्क वह कई भी नजर नहीं आया, काचू बहुत परेशान हुआ जभी उसको याद आया कि कोई समस्या होती है तो या शिकायत है तो थाने में जाना चाहिए। काचू ने तुरंत थाने को ढूंढते ढूंढते आखिर थानेदार के पास पहुंचा गया।
थानेदार ने काचू से पूछा कि क्या समस्या है? या शिकायत?, काचू ने बताया कि 'दोनों साहब', फिर काचू ने सारा किस्सा सुनाया तो थानेदार ने कहा कि "तुम्हारी टोपी, तुम्हारे पास आ गई है तो फिर समस्या या शिकायत क्या है?" काचू बताया की साहब ये टोपी मेरी ही है फिर भी बिना बताए मैंने उस सोए हुए इंसान से चुरा लिया, इसलिए मुझे सजा दीजिए और अपनी टोपी ढूंढकर वापस कीजिए। यह बात सुनकर थाने में सब लोग हंसने लगे;
पूरी कहानी सुनिए हमारे यूट्यूब चैनल पर काचू की टोपी ऑडियो स्टोरी पॉडकास्ट हिन्दी में
गोविंद शर्मा की बाल कहानी : काचू की टोपी
हिन्दी बालकथाओ के सरताज गोविंद शर्मा जी सन् 1971-72 से बाल साहित्य, व्यंग्य एवं लघुकथा लेखन में विशेष योगदान दिया है, बाल साहित्य में 50 से ज्यादा पुस्तकें अबतक प्रकाशित है, इनके द्वारा दो व्यंग्य संग्रह, पांच लघुकथा संग्रह एवं अन्य पुस्तकें जैसे जीवनियां आदि प्रकाशित है। भारत सरकार का प्रतिष्ठित पुरस्कार भारतेंदु पुरस्कार से सम्मानित है, साहित्य अकादमी बाल साहित्य पुरस्कार पाने वाले एकमात्र बाल साहित्यकार गोविंद शर्मा जी है।
पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरित करती उनकी बाल कहानियां पेड़ और बादल बालकथाएं में दस बाल कहानियां है जैसे जल कंजूस, नीम का बीज, अमृता ने बचाए पेड़, जल चोर, हमें हमारा घर दो, पत्ते नहीं कान, पेड़ और पत्थर आदि। गलती बंट गई बालकथा संग्रह में तेरह बाल कथाएं आजादी की खुशी, गलती बंट गई, छत पर फूल, शैतान की नानी, तीन बंदर बना, वह सुधर गया, नया फैसला, गोलू के गोलगप्पे, रास्ते का पानी, आजादी की टोपी आदि। गोविंद शर्मा जी का बालकथा संग्रह हवा का इंतजाम में 17 कहानियां है, प्रत्येक कहानी मनोरंजन, रोचकता से भरी हुई है, कहानियां हवा का इंतजाम, कला की कद्र, वनराज और गजराज, चिम्पू बन गया, वह सच बोला, दोस्ती, बदल गया बदलू, परिक्षा पर का उपहार, देश की सेवा, बुद्धि की तलाश आदि। ऐसी मिली सीख बाल कथा संग्रह में बड़े भाई की देन, ऐसी मिली सीख, बूंदों का सफर, बाबा की ममता, जल की रानी, सोने का अंडा, दोस्ती जिंदाबाद, हमारा गौरव, रोबू मेरा दोस्त आदि शिक्षाप्रदान, रोचक और मजेदार बाल कहानियां है। नाचू के रंग गोविंद शर्मा जी का बाल उपन्यास है, सबकी धरती सबका देश बाल कहानी संग्रह सीख, मनोरंजन और रोचकता से भरा हुआ है इसमें वे पत्थर मेरे, सबकी धरती सबका देश, घौंसला, बातवीर से दोस्ती, गधा-बंदर और लाठी, पेड़ बचा ऐसे, चोरी करना छोड़ दिया आदि बाल कहानियां है।
सुनिए गोविंद शर्मा की लिखी बाल कहानी काचू की टोपी ऑडियो पाठ, हमारे चैनल पर अन्य रोचक और हिंदी की प्रसिद्ध कहानियों के ऑडियो स्टोरी है - जैसे;
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