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Hindi Stories
हिन्दी कहानियां : हिन्दी की प्रसिद्ध कहानियां 1. जैनेंद्र कुमार की कहानी पाजेब 2. यशपाल की कहानी परदा 3. मुंशी प्रेमचंद की कहानी बूढ़ी काकी 4. गोविंद शर्मा की कहानी इंसानियत 5. प्रेमचंद की कहानी तेंतर 6. दिविक रमेश की कहानी भीतर-बाहर।
Hindi Kahaniyan
हिन्दी की छः कहानियां यहां ऑडियो पाठ के रूप में यूट्यूब वीडियो दिए गए। हिन्दी में बहुत चर्चित ये कहानियां आपके लिए प्रस्तुत है, देखे और हमारे चैनल को सब्सक्राइब करें।
सर्वश्रेष्ठ हिंदी कहानियां
1. पाजेब: जैनेन्द्र कुमार की कहानी
Pajeb by Jainendra Kumar : मनोविश्लेषणात्मक परंपरा के प्रवर्तक के रूप में जाने जाते है जैनेंद्र कुमार, प्रेमचंदोत्तर उपन्यासकारों में jainendra kumar का एक विशिष्ट स्थान है। 1929 ई. में 'फाँसी' नाम से उनका पहला कहानी संग्रह प्रकाशित हुआ, उनके अन्य कहानी संग्रह वातायन (1930), नीलम देश की राजकन्या (1933), एक रात (1934), दो चिड़ियाँ (1935), जयसंधि (1949) है। जैनेन्द्र कुमार की एक मनोवैज्ञानिक कहानी पाजेब बाल मनोविज्ञान पर आधारित है, पाजेब कहानी का मुख्य पात्र बालक आशुतोष है, वह लेखक का पुत्र है और भोला भाला हैं। सामाजिक परिवेश के अन्तर्गत व्यक्ति की मानसिक स्थिति का यथार्थ चित्रण पाजेब कहानी में हुआ है। Jainendra Kumar Pajeb Audio Story Podcast in Hindi, Pajeb Kahani in Hindi, Jainendra Kumar Ki Kahaniyan, Pajeb Hindi Story by Jainendra Kumar, Pajeb Story Summary in Hindi.
2. परदा : यशपाल की कहानी
Parda By Yashpal : मध्यवर्गीय समाज की विडंबनाओं की कहानी यशपाल की परदा, कहानी संग्रह 'तर्क और तूफान'(1944ई.) में यह कहानी संकलित है। झूठी प्रतिष्ठा और मध्यम वर्गीय परिवार की आर्थिक तंगी पर केन्द्रित यशपाल की ह्रदयस्पर्शी मार्मिक कहानी परदा है। परदा कहानी के मुख्य पात्र हैं बब्बर अली खां, चौधरी पीर बख्श। पद्म भूषण से सम्मानित यशपाल प्रेमचंदोत्तर युगीन कथाकार और विद्यार्थी जीवन से क्रांतिकारी आन्दोलन से जुड़े हुए थे। यशपाल का उपन्यास झूठा-सच भारत विभाजन पर केंद्रित है, यशपाल के प्रमुख उपन्यास दादा कामरेड (1941), देशद्रोही (1943), दिव्या (1945), पार्टी कामरेड (1946), मनुष्य के रूप (1949), अमिता (1956), झूठा सच (भाग–1,1958 भाग–2,1960), बारह घंटे (1962), अप्सरा का शाप (1965), क्यों फंसे (1968), तेरी मेरी उसकी बात (1974). 'मेरी तेरी उसकी बात' उपन्यास पर यशपाल को साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला। उनके कहानी संग्रह पिंजरे की उड़ान (1939), फूलो का कुर्ता (1949), धर्मयुद्ध (1950), सच बोलने की भूल (1962), भस्मावृत चिंगारी (1946), उत्तनी की मां (1955), चित्र का शीर्षक (1951), तुमने क्यों कहा था मै सुंदर हूं (1954), ज्ञान दान (1943), वो दुनिया (1948), खच्चर और आदमी 1965, भूख के तीन दिन (1968), उत्तराधिकारी (1951), अभिशिप्त (1943), व्यंग्य संग्रह 1. चक्कर क्लब 2. कुत्ते की पूंछ।
3. बूढ़ी काकी : प्रेमचंद की कहानी
Budhi Kaki by Premchand : वृद्धजनों के प्रति उपेक्षापूर्ण व्यवहार को बया करती मुंशी प्रेमचंद की कहानी बूढ़ी काकी। इस कहानी के मुख्य पात्र हैं बूढ़ी काकी, रूपा, पंडित बुद्धिराम, बूढ़ी काकी के दो पुत्र और लाडली। मुंशी प्रेमचंद द्वारा लिखी गई मार्मिक चित्रण करती है बूढ़ी काकी कहानी। मुंशी प्रेमचंद हिंदी में उपन्यास सम्राट के रूप में जाने जाते हैं, कथा सम्राट के रूप में प्रसिद्ध हिन्दी और उर्दू के लोकप्रिय लेखक प्रेमचंद लगभग 300 से ज्यादा कहानियां लिख चुके हैं, बाल कहानियां, सामाजिक, छुआछूत, मध्यम वर्गीय परिवार, दलित आदि प्रेमचंद के कहानियों का मुख्य विषय रहा है। प्रेमचंद की कहानियां यथार्थ जीवन का चित्रण करती है, इन कहानियों कोरी कल्पना कहीं भी हमें देखने को नहीं मिलता है। जन सामान्य भाषा का प्रयोग प्रेमचंद की कहानियों का मुख्य विशेषता है। बड़े घर की बेटी, ठाकुर का कुंआ, कफन, फूस की रात, नमक का दरोगा, बड़े भाई साहब, ईदगाह, दो बैलों की कथा आदि प्रेमचंद की प्रसिद्ध कहानियां है, मानसरोवर में उनकी कहानियां आठ खंडों में संकलित हैं। गोदान मुंशी प्रेमचंद का अंतिम और पूर्ण प्रसिद्ध उपन्यास है। सेवासदन, कायाकल्प, प्रतिज्ञा, रंगभूमि, कर्मभूमि, प्रेमाश्रय, गबन, मंगलसूत्र आदि प्रेमचंद के उपन्यास है। हिन्दी उपन्यास साहित्य में काल विभाजन प्रेमचंद के नाम पर किया गया है जैसे प्रेमचंद पूर्व उपन्यास, प्रेमचंद युगीन उपन्यास, प्रेमचंदोत्तर हिन्दी उपन्यास।
4. इंसानियत : गोविंद शर्मा की कहानी
Insaniyat by Govind Sharma : राजस्थान के गोविंद शर्मा हिन्दी के जाने माने बाल साहित्यकार है। 4 जून 1946 को गोविंद शर्मा जी का जन्म हुआ, सन् 1971 से साहित्य की तीन विधाओं - व्यंग्य, लघुकथा और बाल कथा में निरंतर लेखन प्रकाशन, अबतक विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में हजारों रचनाएं प्रकाशित है। गोविंद शर्मा के बालकथा संग्रह 'काचू की टोपी' पर 2019 में केंद्रीय साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला, राजस्थान के किसी बाल साहित्य को यह पहली बार मिला है।राम दीन का चिराग, एक वह कोना, खेल नंबरों का, खाली चम्मच गोविंद शर्मा के लघुकथा संग्रह है। कुछ नहीं बदला, जहाज के नए पंछी व्यंग्य संग्रह है। स्वामी केषवानंद, खुबराम सत्यनारायण सर्राफ इनके द्वारा लिखी गई जीवनियां है। राजस्थान सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा 2006 में प्रकाशित बाल साहित्य की पुसक 'बगिया के फूल' का संपदान गोविन्द शर्मा जी ने किया है। बाल कहानियों के सिद्धहस्त लेखक श्री गोविंद शर्मा को 1999 में भारत सरकार के प्रतिष्ठित पुरस्कार भारतेंदु पुरस्कार से नवाजा गया है राजस्थान साहित्य अकादमी के शंभूदयाल सक्सेना बाल साहित्य पुरस्कार से सम्मानित है। प्रस्तुत कहानी इंसानियत बहुत चर्चित है। Govind Sharma Short Story Insaniyat Audio Story Podcast in Hindi, Short Story Humanity by Govind Sharma.
5. तेंतर : मुंशी प्रेमचंद की कहानी
Tentar by Munshi Premchand : तेंतर यानी तीन भाइयों के बाद पैदा होनेवाली बहन, प्रेमचंद की तेंतर कहानी समाज में फैली अंधविश्वास पर आधारित है। तेंतर लड़कियों को अपशगुनी समझने वाले लोगों की अंधविश्वास को तोड़ती है यह कहानी। मुंशी प्रेमचंद की लिखी मार्मिक कहानी तेंतर यहां पर ऑडियो पाठ के रूप में दिया गया है। युग प्रवर्तक मुंशी प्रेमचंद अपनी रचनाओं द्वारा समाज में फैली कुरुतियों का विरोध किया, प्रेमचंद की कहानियों का मुख्य विषय नारी, बालक, दलित वर्ग, अंधविश्वास, छुआछूत, श्रमिक आदि है। उपन्यास सम्राट युग निर्माता प्रेमचंद हिंदी के ही नहीं उर्दू में भी लोकप्रिय लेखक है। प्रेमचंद शुरुआत में उर्दू में लिखा करते थे नवाब राय नाम से, सोजे वतन जब्ती के बाद हिन्दी में प्रेमचंद नाम से लिखने लगे, प्रेमचंद पत्रकार, अध्यापक, लेखक, संपादक जैसी बहुआयामी व्यक्तित्व वाले हैं। Emotional story Tentar by Munshi Premchand, Tentar Audio Story Podcast in Hindi, Premchand Stories in Hindi, Munshi Premchand Ki Kahaniyan.
6. भीतर-बाहर : दिविक रमेश की कहानी
Bhitar-Bahar by Divik Ramesh : बड़ों के लिए लिखी गई दिविक रमेश की कहानी भीतर बाहर है। 1946 में दिल्ली के किराड़ी गाँव में जन्मे दिविक रमेश का मूल नाम रमेश शर्मा था। दिविक रमेश का बचपन संघर्षमय रहा, दिल्ली विश्वविद्यालय से एम ए हिन्दी, पी एच डी प्राप्त कर दक्षिण कोरिया में अतिथि आचार्य के रूप में उन्होंने कार्य किया। उन्होंने कविता, काव्य-नाटक, आलोचना एवं बाल-साहित्य जैसी विभिन्न विधाओं में लेखन किया, धूर्त साधु और किसान, सबसे बड़ा दानी आदि दिविक रमेश की कहानियाँ है। रास्ते के बीच, खुली आँखों में आकाश, हल्दी-चावल और अन्य कविताएँ, छोटा-सा हस्तक्षेप आदि उनके काव्य संग्रह है। से दल अई ग्योल होन उनका कोरियाई भाषा में अनूदित कविताएँ, खंड-खंड अग्नि (काव्य नाटक), कविताएँ जोकर मुझे बना दो जी, हँसे जानवर हो हो हो, कबूतरों की रेल, छतरी से गप-शप, अगर खेलता हाथी होली, तस्वीर और मुन्ना, मधुर गीत भाग ३-४, कोरियाई बाल कविताएँ, कोरियाई लोक कथाएँ (बाल-साहित्य), और पेड़ गूँगे हो गए, सच्चा दोस्त (लोक कथाएँ). आदमी के भीतर एक आदमी है आदमी के बाहर एक आदमी है भीतर का आदमी जब बाहर आता है बाहर के आदमी से तुरन्त मार खाता है इसी विषय पर आधारित दिविक रमेश की प्रेरणादायक कहानी भीतर-बाहर है। Bhitar-Bahar Story by Divik Ramesh, Bhitar-Bahar Audio Story Podcast in Hindi.
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