Poem on Hindi Day by Badri Prasad Verma Anjaan Poetry in Hindi, Hindi Diwas Par Kavita, 14 September National Hindi Day Poems, Rashtrabhasha Hindi Par Kavita.
Hindi Diwas Kavita
हिन्दी दिवस पर विशेष कविता : 14 सितंबर राष्ट्रीय हिंदी दिवस पर विशेष बद्री प्रसाद वर्मा अनजान की कविता हिन्दी को राष्ट्रभाषा कब बनाओगे साहब। हिन्दी हमारी शान और पहचान है, हिन्दी को राष्ट्रभाषा के रूप में गौरवान्वित किया जाए इसी विषय पर आधारित है कविता। हिन्दी दिवस कविताएं हिन्दी में हिन्दी को राष्ट्रभाषा कब बनाओगे साहब।
Poem on Hindi Day
हिन्दी को राष्ट्रभाषा कब बनाओगे साहब
हिन्दी को कबतक रुलाओगे साहब
हिन्दी को राष्ट्रभाषा कब बनाओगे साहब।
आता जब जब 14 सितम्बर
हिन्दी को याद बस करते हो साहब।
करते हो बातें हर दिन इंग्लिश में
हिन्दी में कब बोलोगे साहब ।
दुनिया में हिन्दी का परचम
आखिर कब लहराओगे साहब।
हर काम होता इंग्लिश में साहब
हिन्दी में कब काम होगा बताओ हे साहब।
हिन्दी का करते हो झूठा दिखावा
कब हिन्दी का शान बढ़ाओगे साहब।
हिन्दी हमारी मात्र भाषा है
हिन्दी को राष्ट्र गौरव कब दिलाओगे साहब।
एक दिन हिन्दी का माला जप लेने से
कब तक हमें मूर्ख बनाओगे साहब।
भारत की कोई राष्ट्रभाषा नहीं है
राष्ट्रभाषा इसे कब बनाओगे साहब।
इंग्लिश से कब तक करोगे मोहब्बत
हिन्दी से प्यार कब निभाओगे साहब।
- बद्री प्रसाद वर्मा अनजान
गल्ला मंडी गोलाबाजार 273408
गोरखपुर उ. प्र.
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