Patr Kavita by Stuti Rai Poetry in Hindi, Poem on Letter in Hindi, Hindi Kavita Kosh, Hindi Patr kavita, Memories Poetry in Hindi.
Patr : Hindi Kavita
पत्र के विषय पर बेहतरीन कविता : हिन्दी कविता कोश में प्रस्तुत है स्तुति राय की कविता पत्र, कविता के रूप में प्रेम पत्र हिन्दी कविता, Hindi प्रेम पत्र Poems, Hindi पत्र Poems हिन्दी कविता कभी पुराने नहीं होते पत्र, पढ़िए और शेयर कीजिए।
Stuti Rai Poetry in Hindi
पत्र
कभी पुराने नहीं होते
इन्हें जब भी पढ़ो
लगता है बिल्कुल अभी
लिखा गया हों मेरे लिए
पहले से भी ज्यादा
हम भावुक हो जाते हैं
वक्त की गंध इसमें
भर चुकी होती है
यादों का एक समुचित
पिटारा होते हैं पत्र
इन्हें पढ़ना सिर्फ आंखों का गिला होना नहीं है
बल्कि शब्द भी नम हो जाते हैं
यादें भी गीली हो जाती है
भाव और जज्बात भी भींग चुके होते हैं
प्रेम हुक की तरह गले तक आ जाता है
और सब कुछ चलचित्र की तरह आंखों के सामने
दिखाई देने लगता है
और फिर हाथ यंत्रवत
पत्र को लिफाफे में डाल कर
उस बक्से में रख देता है, जहां
हमारे प्रेम तक दुनिया की नजर ना पहुंचे।
- स्तुति राय
ये भी पढ़ें; एक ठहरी हुई बात : स्तुति राय की कविता