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Aaj Subah Ke Akhbar Mein
हिन्दी कविता आज सुबह के अख़बार में : स्तुति राय की कविता आज सुबह के अख़बार में पढ़िए आज कविता कोश में प्रस्तुत है। कुपोषण जैसी गंभीर समस्या पर हृदयस्पर्शी कविता आज सुबह के अख़बार में। इस देश के बच्चे और गरीबी पर दिल को छू लेने वाली हिन्दी कविता।
Stuti Rai Ki Hindi Kavita
आज सुबह के अख़बार में
सुबह का वक्त
बरामदे में
अपनी आरामदेह कुर्सी पर बैठे
चाय की चुस्कियों के साथ
अखबार का स्वाद ले रही
और इतराती ख़बरों पर पलकें
वैसे ही उठ - गिर रही,जैसे
किसी अभिनेत्री को रैम्प वॉक करते देखते हैं
जिसमें लिखा है —
“एशिया में भारत तीसरा पाॅवरफूल देश है”
ठीक तभी
नज़र अख़बार के अंतिम पन्ने पर
पहुंचती है
जहां एक शब्द चौकाता है
और चाय के साथ
अखबार का स्वाद भी फीका हो जाता है
लिखा है -
“ग्लोबल हंगर इंडेक्स…..
बाल कुपोषण सबसे गम्भीर समस्या के रूप में “
……………………..…..
अखबार रख दिया है
चाय खत्म हो चुकी है
और मैं विचारों की दुनिया में -
“इस देश के बच्चे और देश का भविष्य??”
- स्तुति राय
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