आज सुबह के अख़बार में : स्तुति राय

Dr. Mulla Adam Ali
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Aaj Subah Ke Akhbar Mein

Aaj Subah Ke Akhbar Mein

हिन्दी कविता आज सुबह के अख़बार में : स्तुति राय की कविता आज सुबह के अख़बार में पढ़िए आज कविता कोश में प्रस्तुत है। कुपोषण जैसी गंभीर समस्या पर हृदयस्पर्शी कविता आज सुबह के अख़बार में। इस देश के बच्चे और गरीबी पर दिल को छू लेने वाली हिन्दी कविता।

Stuti Rai Ki Hindi Kavita

आज सुबह के अख़बार में

सुबह का वक्त 

बरामदे में 

अपनी आरामदेह कुर्सी पर बैठे 

चाय की चुस्कियों के साथ 

अखबार का स्वाद ले रही 

और इतराती ख़बरों पर पलकें 

वैसे ही उठ - गिर रही,जैसे 

किसी अभिनेत्री को रैम्प वॉक करते देखते हैं 

जिसमें लिखा है —

“एशिया में भारत तीसरा पाॅवरफूल देश है”

ठीक तभी 

नज़र अख़बार के अंतिम पन्ने पर 

पहुंचती है 

जहां एक शब्द चौकाता है

और चाय के साथ 

अखबार का स्वाद भी फीका हो जाता है 

लिखा है -

“ग्लोबल हंगर इंडेक्स…..

बाल कुपोषण सबसे गम्भीर समस्या के रूप में “

……………………..…..

अखबार रख दिया है 

चाय खत्म हो चुकी है 

और मैं विचारों की दुनिया में -

“इस देश के बच्चे और देश का भविष्य??”

Stuti Rai Poetry

- स्तुति राय

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