बड़े बेशरम : आसान व सरल शब्दों में बच्चों के लिए कविता

Dr. Mulla Adam Ali
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Prabhudayal Srivastava Ki Kavitayein

Bade Besharam Kavita In Hindi

हिन्दी बाल कविता : प्रभुदयाल श्रीवास्तव की हिन्दी बाल कविता संग्रह मुट्ठी में है लाल गुलाल से आपके लिए लेकर आए हैं आसान कविता बच्चों के लिए सरल शब्दों में मजेदार बाल कविता बड़े बेशरम, पढ़िए और शेयर कीजिए हिन्दी बाल कविता कोश की कविताएं।

प्रभुदयाल श्रीवास्तव की बाल कविताएं

बड़े बेशरम


कचरा फेका बीच सड़क पर,

बड़े बेशरम ।

टोकनियों में लाये भर-भर,

बड़े बेशरमा


दफ्तर की सीढी पर थूका,

पान चबाकर ।

बीड़ी फेंकी गलियारे में,

धुआँ उड़ाकर ।

फेंकी पन्नी चौराहे पर,

बड़े बेशरम ।


मूँगफली खाकर छिलकों को,

छोड़ दिया है।

बीच सड़क पर एक पटाखा,

फोड़ दिया है।

काग़ज़ फेके घर के बाहर,

बड़े बेशरम।


इतनी तेज चलते गाड़ी,

डर लगता है।

चिड़िया घर के जैसा आज,

शहर लगता है।

बीच सड़क पर मोबाइल पर,

बड़े बेशरम ।


आफिस से आये हो घर में,

हाथ न धोये।

चप्पल जूते किचिन रूम तक,

पग पर ढोये।

नहीं रहा अम्मा का अब डर,

बड़े बेशरम ।


- प्रभुदयाल श्रीवास्तव

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