Bal Kavita In Hindi : आज जन्म दिन है दादी का - Prabhudayal Shrivastav

Dr. Mulla Adam Ali
0

Hindi Children's Poem Aaj Janmdin Hain Dadi Ka by Prabhudayal Shrivastav, Hindi Kids Poems, Bal Kavita Kosh in Hindi.

Prabhudayal Shrivastav Poetry

Prabhudayal Shrivastav Poetry

हिन्दी बाल कविता : दादाजी की मूंछें लंबी बाल कविता संग्रह से प्रभुदयाल श्रीवास्तव की मनोरंजक बाल कविता आज जन्म दिन है दादी का आपके लिए बाल कविता कोश में प्रस्तुत है, पढ़े और शेयर करें।

प्रभुदयाल श्रीवास्तव की कविताएं

आज जन्म दिन है दादी का


धूम मची है सारे घर में।

बच्चों के गाने इक स्वर में।

रम्मी तबला बजा रही है।

पम्मी घर को सजा रही है।

झूम रहे हैं सब मस्ती में,

सब को ज्वर है उन्मादी का।


हँसती है, मुस्काती दादी ।

सब पर प्यार लुटाती दादी।

सत्तर पार हो गई फिर भी,

है गुलाब सी पुलकित ताज़ी।

बच्चों ने भी घेर लिया है,

उन्हें सजाया शहज़ादी सा।


केक कटा है जन्म दिवस का।

देखो दादीजी का ठसका।

केक काटकर बाँट रही हैं।

हँसती हँसती डाँट रही हैं।

कहतीं आज, दिवस फिर आया,

धूम धड़क्का आज़ादी का।


- प्रभुदयाल श्रीवास्तव

ये भी पढ़ें; बाल कविता : चूहेराम - प्रभुदयाल श्रीवास्तव

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें (0)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Accept !
To Top