बाल कविता : चूहेराम - प्रभुदयाल श्रीवास्तव

Dr. Mulla Adam Ali
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Prabhudayal Srivastava Poetry for Childrens

Chuhe ram bal kavita

चूहेराम बाल कविता : 22 बाल कविताओं का संग्रह दादाजी की मूंछें लंबी से बाल साहित्यकार प्रभुदयाल श्रीवास्तव की बाल कविता चूहेराम आपके लिए कविता कोश में प्रस्तुत है। मनोरंजक बाल कविता चूहेराम पढ़ें और साझा करें।

प्रभुदयाल श्रीवास्तव की बाल कविताएं

चूहेराम

हल्लो मिस्टर चूहेराम।

करते नहीं जरा भी काम।


सारी रात घूमते हो।

भद्दम-भद्द कूदते हो।

करते नहीं तनिक आराम।

हल्लो मिस्टर चूहेराम।


टुन्ना की कॉपी कुतरी।

काटी टुन्नी की चुनरी ।

सबका सोना किया हराम ।

हल्लो मिस्टर चूहेराम।


चोरी से ही खाते हो।

इस पर भी इतराते हो।

इस कारण से हो बदनाम ।

हल्लो मिस्टर चूहेराम।


- प्रभुदयाल श्रीवास्तव

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