Hindi Subah Bal Kavita Hawa Bhor Ki by Prabhudayal Srivastava, Hindi Children's Poetry, Kids Poems in Hindi.
Hawa Bhor Ki : Bal Kavita
मनभावन बाल कविता : बच्चों के लिए सुबह के विषय पर सबसे अच्छी हिंदी बाल कविता संग्रह दादाजी की मूंछें लंबी 22 बाल कविताओं से संग्रहित प्रभुदयाल श्रीवास्तव की ज्ञानवर्धक कविता हवा भोर की पढ़ें और साझा करें।
प्रभुदयाल श्रीवास्तव की कविताएं
हवा भोर की
हवा भोर की करती अक्सर,
काम दवा का जी।
यही बात समझाते हर दिन,
मेरे दादाजी।
इसी हवा में मनभावन सी,
धूप घुली रहती।
और विटामिन "डी" जैसी कुछ,
चीज मिली रहती।
भोर भ्रमण से दिन भर रहती,
तबियत ताजा जी।
सुबह-सुबह चिड़ियों की
चें-चें, चूँ-चूँ भाती है।
तोते बिही कुतरते दिखते,
मैना गाती है।
खूब बजाते पत्ते डालें,
सर-सर बाजा जी।
ऊषा के आंगन में सूरज,
किलकारी भरता।
दुखी रात से थी धरती जो,
उसके दुःख हरता।
सोने वाले प्राणी जागो,
करे तगाज़ा जी।
- प्रभुदयाल श्रीवास्तव
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