रोचक विज्ञान बाल कहानियाँ : बड़े भाई की देन

Dr. Mulla Adam Ali
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Bade Bhai Ki Den : Bal Kahani

रोचक विज्ञान बाल कहानियाँ बड़े भाई की देन

बाल विज्ञान कथा बड़े भाई की देन : बालकथा संग्रह ऐसे मिली सीख से गोविंद शर्मा जी की लिखी बाल कहानी बड़े भाई की देन आपके लिए बाल कहानी कोश में प्रस्तुत है। बच्चों के लिए रोचक विज्ञान बाल कहानियाँ, बाल विज्ञान जगत की रोचक कहानियां हिन्दी में पढ़िए और प्रतिक्रिया दीजिए।

Childrens Story Bade Bhai Ki Den

बड़े भाई की देन

उस दिन कक्षा में सर आए तो सब बच्चे सावधान होकर बैठ गए और उ सर की तरफ देखने लगे। सर ने उस दिन पढ़ाने के लिए न तो पुस्तक खोली और न क्लास में लगे बोर्ड पर कुछ लिखा।

बोले "बच्चो, आज मैं तुम्हें एक प्रश्न करता हूँ। वह प्रश्न भी है और पहेली भी। तुम्हें उसका उत्तर बताना है। वह कौन है, जो अपना काम अपने बड़े भाई या अपने बुजुर्ग की देन से चलाता है। उसका काम देखने को मिलने पर सब उसकी प्रशंसा करते हैं।" कुछ देर कोई बच्चा नहीं बोला। सब एक-दूसरे की तरफ देखते रहे। फिर एक बच्चा बोलने के लिए खड़ा हुआ। सब उसकी तरफ देखने लगे। वह बोला “ऐसे तो कई राजाओं के पुत्र हुए हैं जो ख़ुद राज का इंतजाम नहीं करके, पिता या बड़े भाई द्वारा दिए गए राज का काम करके जीवनयापन करते रहे हैं। सेठ साहूकार भी ऐसे हुए हैं। "

"यह तो मेरे प्रश्न का सही उत्तर नहीं है", सर बोले।

एक बच्चा बोला "सर, किसान भी अपने बुजुर्गों से मिली कृषि भूमि पर खेती करता है। खेती करना बहुत पुरानी बात है।

"यह भी सही है निस्संदेह कृषि कार्य पूर्ण व्यवसाय है। पर यदि आप मेहनत से कार्य नहीं करेंगे तो कोई उपज नहीं होगी", सर ने कहा।

अब बोलने के लिए खड़ा हुआ अभिनव । उसे देखकर सर मुस्कुराए और बोले- "अभिनव तुम्हें घर पर और तुम्हारे दोस्त गोलू भी कहते हैं। तुम्हारा जवाब अभिनव का होगा या गोलू का?"

वह हँसा और बोला "सर, एक ही बात है।" फिर वह क्लास में एक तरफ बैठे दो बच्चों की तरफ देखते हुए बोला, "सर मेरा जवाब चाँद और सूरज है।"

"क्या? तुम्हारी क्लास में बैठे दो बच्चों के भी यही नाम है। इसका जवाब उन बच्चों में है?"

"नहीं सर, जवाब उन बच्चों में नहीं, उनके नाम में है। हमारा सारा काम सूरज की रोशनी से चलता है। सूरज की रोशनी मिलती है तभी हमारा दिन होता है। इसी तरह चाँद की चाँदनी की, उसकी रोशनी की सभी प्रशंसा करते हैं। कवि तो उस पर कविताएँ भी लिखते हैं। पर वह चाँद की अपनी रोशनी नहीं होती है। अपने आप में तो चाँद काला पत्थर है। उस काले पत्थर पर जब सूरज अपनी किरणों द्वारा रोशनी भेजता है, तभी वह चमकता है। तभी हमें चाँद का चमकीलापन दिखाई देता है। सूरज की रोशनी चाँद से टकराती है तभी हमें चाँदनी मिलती है। सूरज को आप चाँद का बड़ा भाई या बुजुर्ग भी मान सकते हैं। चाँद की रोशनी सूरज की देन है।"

"शाबाश गोलू, आज मैंने नहीं पढ़ाया तो क्या है तुम्हारे जवाब ने पूरी कक्षा के बच्चों को पढ़ा दिया है कि चाँद कैसे चमकता है।"

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