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Roti Kaha Chupayi : Bal Kavita in Hindi
Bal Kavita In Hindi : दादाजी की मूंछें लंबी हिन्दी 22 बाल कविताओं का संग्रह से आपके लिए प्रस्तुत है आसान व सरल बाल कविता रोटी कहाँ छुपाई, सरल शब्दों में बच्चों के हिन्दी बाल कविताएं पढ़े और शेयर करें।
Prabhudayal Srivastava Ki Kavitayein
रोटी कहाँ छुपाई
लगे देखने टी.वी,
चूहे घर के सारे ।
देख रोटियाँ परदे पर,
उछले खुशियों के मारे।
सोच रहे थे एक झपट्टे,
में रोटी लें बीन।
लेकिन बिजली बंद हुई तो,
रोटी हुई विलीन।
लिए कई फेरे टी.वी के,
बड़ा गज़ब है भाई।
बिजली बंद हुई, टी.वी ने,
रोटी कहाँ छुपाई?
- प्रभुदयाल श्रीवास्तव
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