सब नतमस्तक : बच्चों के लिए कविता के प्रति प्रेम को बढ़ाने वाली सर्वश्रेष्ठ कविता

Dr. Mulla Adam Ali
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Prabhudayal Srivastava Ki Kavitayein

Sab Natmaastak Bal Kavita

छोटे बच्चों की कविता हिंदी में : बच्चों के लिए कविता के प्रति प्रेम को बढ़ाने वाली सर्वश्रेष्ठ कविता सब नतमस्तक, मुट्ठी में है लाल गुलाल से प्रभुदयाल श्रीवास्तव की हिन्दी बाल कविता सब नतमस्तक आज आपके लिए बाल कविता कोश लेकर आए हैं, पढ़िए हिन्दी में रोचक और मजेदार बाल कविताएं और शेयर कीजिए।

प्रभुदयाल श्रीवास्तव की हिन्दी बाल कविताएं

सब नतमस्तक


सभी खिलोने भूखे प्यासे,

और कुपोषित है।

मोबाईल के पद अर्पण से,

सारे शोषित है।


अलमारी में सभी बंद है,

दम सा घुटता है।

भालू अपने बच्चे के सँग,

रोता रहता है।

किसी युद्ध के अपराधी ये,

सारे घोषित है।


आँख फूट गई है गुड़िया की,

हो गई है कानी।

कंटू -कंटू सभी बोलकर,

करते मनमानी।

अंग भंग है सबके ही तन

विक्षत और क्षत है।


घोड़े को चूहे ने कुतरा,

पूँछ हो गई गोल।

बदल दिया है तिलचट्टों ने,

कुत्तों का भूगोल ।

बिगड़ गए है हुलिए सबके

अस्सी प्रतिशत है।


टॉय कार भी पड़ी हुई है,

बड़े बॉक्स में बंद।

तीन पैर की नई साइकिल,

पेल रही भुज दंड।

मोबाइल के आगे अब तो,

सब नतमस्तक है।


- प्रभुदयाल श्रीवास्तव

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