दीपावली पर मधु माहेश्वरी की कविता : दीपोत्सव

Dr. Mulla Adam Ali
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हिन्दी कविता दीपोत्सव : प्रकाश पर्व दीपावली के विषय पर मधु महेश्वरी की बेहतरीन कविता दीपोत्सव आज आपके लिए प्रस्तुत हिंदी कविता कोश में। पढ़िए दिवाली की ये सुन्दर कविता त्यौहार पर लिखी गई हिंदी की कविता दीपोत्सव।

Madhu Maheshwari Ki Kavita : Deepotsav

दीपोत्सव / मधु महेश्वरी


त्योहार दीपावली का आया,

खुशियों की झोली भर लाया।

हुई सफाई हर घर ऑंगन की,

रंग-रोगन उस पर कराया।


द्वार पर वंदनवार बॅंधवाया,

संग उसके झूमर सजाई।

विद्युत लड़ियाॅं छत पर लटका कर,

त्योहार की रौनक बढ़ाई।।


दीपोत्सव का पर्व अति निराला,

जग से न्यारा सबसे प्यारा।

पाॅंच दिवस तक यह उत्सव चलता, 

हर्षाता जन जीवन सारा।।


 धनतेरस नरक चतुर्दशी संग,

 दीपोत्सव उल्लास जगाऍं।

चौथा गोवर्धन पूजा का है,

 पंचम भैया दूज मनाऍं।।

 

भाॅंति-भाॅंति के मिष्ठान बनाकर,

माॅं दीपों की थाल सजाऍं।।

घर-द्वार पर रंगोली सजाकर,

माण्डनों पर हाथ अजमाऍं।।


दादा-दादी नव उपहार दिला,

सब बच्चों का मन बहलाऍं।

पापा खूब फूल जड़ियाॅं ला कर,

अपने हाथों से छुड़वाऍं।।


भैया-बहना हैं बड़े निराले,

नित्य नए करतब दिखलाते।

भूमि चकरी और पटाखे जला,

खूब सभी का मन बहलाते।।


आओ मिलकर त्योहार मनाऍं,

जीवन एक उत्सव बनाऍं।

कलुषित भावों को मन से त्यागें,

मानवता जीवन अपनाऍं।।


आओ सारे साथी मिल आओ,

हर गरीब को गले लगाऍं।

दया,प्रेम,करुणा के भावों से,

घर-घर को रोशन कर आऍं।।


- मधु माहेश्वरी

सेवानिवृत्त प्राध्यापिका

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