Mobile Diwana and Dada Aaye Dada Aaye Children's Poems in Hindi By Madhu Maheshwari Ki Kavitayein for Kids, Bak Kavita in Hindi, Bal Kavita Sangrah.
Madhu Maheshwari Poetry
बाल कविता मोबाइल दिवाना : आजकल की आधुनिक समाज में बच्चों में स्क्रीन की बढ़ती लत एक गंभीर समस्या है, बच्चे अपना ज्यादा समय मोबाइल फोन में बिताने की वजह से शारीरिक और मानसिक रूप से कमजोर होते जा रहे है। माता पिता बच्चों में स्क्रीन की बढ़ती लत को दूर करने में ध्यान नहीं देंगे तो बच्चों में नकारात्मक प्रभाव के साथ कई सारे बीमारियों का भी शिकार हो सकते हैं। ऐसा ही एक लड़का राजू हर समय मोबाइल फोन में अपना समय बिता रहा है, अपना पढ़ाई लिखाई छोड़कर, फेसबुक और यूट्यूब जैसे सामाजिक माध्यमों पर ध्यान दे रहा है। पढ़ाई पूरी कविता मोबाइल दिवाना, जो बच्चों के लिए लिखी कविता।
Children's Poem : Mobile Diwana
मोबाइल दिवाना
मोबाइल पकड़ हाथ में राजू
करें मन में सोच-विचार।
ऐसा इसमें क्या छिपा हुआ जो,
देख मिले खुशियाॅं अपार।।
अंधे के हाथ बटेर लगे तो,
रहता न कोई ठिकाना।
रिश्ते-नाते भूल सभी प्यारे,
बने मोबाइल दिवाना।।
लत खराब मोबाइल की भाई,
दूरियाॅं सबसे बनाऍं।
मम्मी-पापा सभी डुबे रहते,
हमको एकान्त सताऍं।।
माना इससे होती ज्ञान-वृद्धि,
पर अति है विनाशकारी।
लगातार अपडेट रहोगे तो,
दृष्टि पर पड़ेगा भारी।।
मित्रों पढ़ना-लिखना छोड़ सभी,
मोबाइल को न पकड़ना।
यूट्यूब फेसबुक के चक्कर में,
तुम जकड़े कभी न रहना।।
Bal Kavita Dada Aaye Dada Aaye
बाल कविता दादा आए दादा आए : बच्चों के लिए मधु माहेश्वरी मधु श्री की सुन्दर बाल कविता दादा आए दादा आए पढ़िए बाल कविता कोश में। Hindi Children's Poem Dada Aaye, Kids Poetry Dada Aaye in Hindi.
दादा आए दादा आए
दादा आए दादा आए,
पुस्तक वाले दादा आए।
पशु-पक्षी और विज्ञान के,
सुन्दर चित्रों वाली लाए।।
आओ चून्नू आओ चून्नू,
दादा से हम पुस्तक पाऍं।
रानी राधा एश के संग,
मिलकर सारे ज्ञान बढ़ाऍं।।
पुस्तक अपनी सच्ची साथी,
इससे नाता जोड़ों भाई।
महिमा इनकी बड़ी निराली,
हमें बताती यह सच्चाई।।
किस्से कहानी और कविता,
चित्र कथाऍं होती प्यारी।
भिन्न-भिन्न पहेलियाॅं सारी,
कसरत खूब कराए भारी।।
पुस्तक ले हाथों में अपने,
नाचे-उछलें धूम मचाऍं।
नित्य नूतन पुस्तकें पढ़ कर,
जीवन अपना सफल बनाऍं।।
Madhu Maheshwari Biography in Hindi : मधु माहेश्वरी मधु श्री का संक्षिप्त परिचय
मधु माहेश्वरी मधु श्री
परिचय: मधु माहेश्वरी
जन्मदिन: 30 अप्रेल 1949
जन्मस्थान: उदयपुर (राज.)
पति: शिवनारायण आगाल
शिक्षा: बी.ए.; बी.एड.; एम. ए.; एम.एड. (हिन्दी, इतिहास)
अनुभव: 40 वर्ष शिक्षण अनुभव।
(कक्षा शिशु से लेकर कक्षा बारहवीं के विभिन्न विषयों का।) एवं मंच संचालन।
लेखन: गद्य-पद्य साहित्य सृजन। कविता, गीत, भजन, लोरी, प्रभाती, हाइकु, कहानी, संस्मरण, निबन्ध, समीक्षा, रिपोर्ट, मंच संचालन व साक्षात्कार। काव्य पठन में रुचि।
प्रकाशन: "बेटी की अभिलाषा" बाल कविता संग्रह प्रकाशित (book available in Amazon.in)
पत्र-पत्रिकाओं में, साझा संकलन में, सलिल प्रवाह में प्रकाशन।
राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं एवं मंचों द्वारा आयोजित गोष्ठियों में काव्य पाठ एवं सक्रिय भागीदारी। लगभग 200 से अधिक ई-सर्टिफिकेट प्राप्त।
सम्प्रति: सेवानिवृत्त प्राध्यापिका (हिन्दी)
सदस्य: सलिला संस्था सलूंबर
मधु माहेश्वरी मधु श्री
A- ब्लॉक, वृंदावन विहार कॉलोनी
बांसवाड़ा बाईपास रोड़,
पोस्ट- सलूम्बर (राज.) पिन 313027
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