मधु माहेश्वरी की हिंदी बाल कविताएँ: मैं पंछी और दृश्य निराला

Dr. Mulla Adam Ali
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Hindi Children's Poetry Main Panchhi and Drishya Nirala by Madhu Maheshwari, Poems for Kids in Hindi, Bal Kavitayen.

Madhu Maheshwari Poetry

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Madhu Maheshwari Poems for Kids : बच्चों के लिए रोचक और मजेदार दो बाल कविताएं १. बाल कविता मैं पंछी २. बाल कविता दृश्य निराला, पढ़िए बाल कविता कोश में मधु माहेश्वरी की (bal kaviatyen) बाल कविताएं।

Madhu Maheshwari Ki Bal Kavitayen

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Bal Kavita Main Panchhi

मैं पंछी 

मैं पंछी हूॅं बड़ा निराला,

ऊॅंचे नभ में उड़ता हूॅं।

रंग-बिरंगे रंग सजाता,

हरी डाल पर रहता हूॅं।।


हरे-पीले पंख तन साजे,

चोंच लाल ऑंखें प्यारी।

टें-टें कर सभी को बुलाऊॅं,

राम नाम की रट न्यारी।।


कहते मुझको हरियल तोता,

बच्चों को खूब लुभाता।

अमरूद अनार हरी मिर्ची, 

 बड़े चाव से मैं खाता।।


पंछी खुला घूमने वाला

लोग मुझे घर में पाले।

निज स्वार्थ के लिए मानव,

पिंजरे- बंद कर डाले।।


बोला तोता सुन लो भाई,

आजाद हमें रहने दो।

अपनी प्रकृति अनुसार हमें,

ऊॅंची उड़ान भरने दो।।


Bal Kavita Drishya Nirala

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बाल कविता दृश्य निराला : बच्चों के लिए सुंदर बाल कविता दृश्य निराला, प्रकृति की सुंदरता के साथ-साथ बकरी का दूध के महत्व के बारे में बताती है दृश्य निराला कविता। पढ़िए, रोचक और ज्ञानवर्धक बाल कविता।

Drishya Nirala Children's Poem

दृश्य निराला 


वन उपवन का दृश्य निराला।

मन को सुकून देने वाला।।

 

वन्य जीव सब विचरण करते।

भय रहित होकर घास चरते।।

 

घांस-फूस की कुटिया न्यारी।

उसमें रहती बाला प्यारी।।


बकरी एक नित्य ही आती।

बाला से मिलकर बतियाती।।

 

बोली प्यारी बकरी रानी।

दीदी तुम हो बड़ी सयानी।।


रोज सवेरे तुम आ जाती। 

मैॅं मैॅं करके मुझे बुलाती।।


रानी तुम हो जग से न्यारी।

मुझे लगती हो खूब प्यारी।।


 दूध पौष्टिकता से भरपूर।

 सारे रोग करता है दूर।।


परोपकारी जीवन तेरा।

सेवा करूॅं यह धर्म मेरा।।


 - मधु माहेश्वरी

सलूम्बर (राज.)

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