Poem on Rail in Hindi by Nidhi Maansingh Poetry for Childrens Rail Ka Khel Kids Poem in Hindi, Bal Kavita In Hindi, Bal Kavita Kosh, Hindi Rhymes for Childrens.
Rail Ka Khel : Hindi Bal Kavita
हिन्दी बाल कविता रेल का खेल : बच्चों के लिए रेल के विषय पर बाल मन की सुन्दर कविता रेल का खेल (rail ka khel), पढ़िए निधि मानसिंह की हिन्दी बाल कविता (poem for Kids) आओ खेले रेल का खेल, (hindi poem on train for kids) चिल्ड्रेन पोएम रेल चली भई रेल चली कविता छुक छुक छुक छुक रेल चली।
Hindi Children's Poem: Rail Ka Khel
रेल का खेल
छुक - छुक करती आई रेल
आओ! मिलकर खेलें खेल।
राजू तुम टीटी बन जाओ
जोर - जोर से सीटी बजाओ।
सीता, गीता, भोलू, दुलारी
पैसेंजर बन करें सवारी।
रोनित बन बैठा पायलेट
हो ना जाए कोई लेट।
बारी - बारी स्टेशन पर जाती
रेल सबको मजे कराती।
रूकती, चलती, दौड़ती जाती
देखो! सबके मन को भाती।
कितना प्यारा बच्चों का मेल
छुक - छुक करती आई रेल।
- निधि "मानसिंह"
कैथल, हरियाणा
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