थाती माने दुनिया सारी : हिंदी कविता

Dr. Mulla Adam Ali
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Madhu Maheshwari Poetry

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थाती माने दुनिया सारी : पढ़िए मधु माहेश्वरी की कविता भारत देश के सुंदरता पर विशेष लिखी गई थाती माने दुनिया सारी। भारत एक विशाल देश है, हिमालय से लेकर हिन्दू महासागर तक फैला हुआ है। यहां पर विविध प्रकार की संस्कृतियां, धर्म, जाती, भाषाएं, लोग और त्यौहार देखने को मिलते हैं। आज भारत की सुंदरता पर ये विशेष कविता पढ़े और शेयर करें।

Madhu Maheshwari Ki Kavitayein

थाती माने दुनिया सारी


सतरंगी रंगों से रंगी,

अपने भारत माॅं की धरती।

ऊॅंचे-ऊॅंचे पर्वत पठार, 

निर्मल सरिता नीचे बहती।


कहीं सघन जंगल का डेरा,

और कहीं मैदान अनोखा।

लहराते खेतों की फसलें,

रूप सजाएं कितना चोखा।।


झर-झर झर-झर झरने बहते,

बर्फिली घाटी मन मोहतीं।

देवदार-चीड़ की पंक्तियाॅं,

सुन्दर वादियों में सोहतीं।।


पार्क यहाॅं के बड़े निराले,

मन मोहिनी छटा दिखलाऍं।

गेंदा गुलाब जूही चम्पा,

फूलों की क्यारी महकाऍं।।


 डाल-डाल पर उड़ते पक्षी,

 चीं-चीं चूं-चूं कर चहकाऍं।

खूॅंटे बॅंधे सभी चौपाए,

नित्य ही ऑंगन में रॅंभाऍं।।


ऐसा अपना देश निराला,

एकता के भाव दर्शाऍं।

ऊॅंच-नीच का भेद मिटाकर,

समरसता हमको सिखलाऍं।। 


गाथा इसकी गौरवशाली,

सबसे न्यारी सबसे प्यारी। 

विश्व बंधुत्व-पाठ पढ़ाए, 

थाती माने दुनिया सारी।।


- मधु माहेश्वरी

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