आत्मरक्षा : बाल कविता - मधु माहेश्वरी

Dr. Mulla Adam Ali
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बाल कविता आत्मरक्षा : आत्मरक्षा के विषय पर आधारित हिन्दी बाल कविता बच्चों के लिए प्रेरणादायक हिन्दी कविता। मधु माहेश्वरी की बाल कविताएं। पढ़े और शेयर करें।

Atmaraksha : Hindi Children's Poem

आत्मरक्षा


आओ मेरे प्यारे बच्चो,

सिखाऊॅं मैं अच्छी बात।

आत्मरक्षा के गुर तुम सिखो,

लगेगा न कभी आघात।।


समय बड़ा नाज़ुक है बच्चो,

चहुॅं ओर दानवी घेरा।

भूखे भेड़िए की भांति ही,

मानव जग डाले डेरा।।


अपनी सुरक्षा खुद ही करनी,

है आज की मांग भाई।

अस्मिता बचाने के खातिर,

यही व्यवस्था अपनाई।।


जूडो-कराटे सब सीख लो,

है आत्मरक्षा का अंग।

देख सभी इसके गुर सारे,

अचरज से रहेंगे दंग।।


धीरज और हिम्मत के संग,

नित्य आगे बढ़ते चलो।

मानवता की डोर पकड़ तुम,

समय की मांग संग ढलो।।


- मधु माहेश्वरी

राजस्थान

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