आया भालू काला : रोचक मनोरंजक बालमन की कविता

Dr. Mulla Adam Ali
0

Children's Poem on Bear in Hindi by Manoj Jain Madhur, Hindi Kids Poems, Hindi Bal Kavitayen, Bhalu Par Kavita.

Poem on Bear in Hindi

poem on bear in hindi

आया भालू काला : पढ़िए मनोज जैन 'मधुर' की लिखी सुंदर, रोचक और बालमन भावन पद्य-कथा आया भालू काला। हिन्दी मनोरंजक बाल कविता बच्चों के लिए हिन्दी में (Bal Kavita In Hindi)

Aya Bhalu Kala : Bal Kavita

आया भालू काला


एक रोज़ गुमटी पर आकर

बोला भालू काला

चौरसिया जी पान बना दो

हमें बनारस वाला


इसमें नहीं डालना बिल्कुल

जर्दा और सुपारी

सेवन से हो जाता इसके

अपना तो सर भारी


ऊपर से दस बीस डालना

लाललाल से दाने

कत्था भले लगा दो ज्यादा

दिनभर होंठ रचाने


तेज करो गुलकंद स्वाद में

उम्दा लगे निराला


सुनो बाँध दो चार एक है

मुझे यहीं पर खाना

कुछ भी करना ध्यान रहे पर

चूना नहीं लगाना


इन्तज़ार करता हूँ कहकर

मन ही मन गुर्राया

नज़रें घुमा ठुमक इठलाकर 

प्यारा गाना गाया


बोले थोड़ा मलकर डालो

भाई पान मसाला


भारी भरकम भालू देखा

चौरसिया घवराएँ

मन ही मन बजरंगबली को 

और राम को ध्याएँ


देर हो गई बहुत आज घर

मुझको जल्दी जाना

चौरसिया ने गढ़ा अचानक

मन में एक बहाना


पान खिलाकर, बत्ती गुलकर 

भालू जी को टाला।


- मनोज जैन 'मधुर'

लालघाटी भोपाल, मध्यप्रदेश

ये भी पढ़ें; हिन्दी बाल कविता: भालू और मदारी

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें (0)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Accept !
To Top