बाजार-ए-इश्क़ : ग़ज़ल - Bazaar E Ishq Ghazal in Hindi

Dr. Mulla Adam Ali
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Ghazal : Bazaar E Ishq

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Ghazal in Hindi : हिंदी कविता कोश में प्रस्तुत है एक सुंदर ग़ज़ल बाजार-ए-इश्क़, पढ़िए हिंदी में रोमांटिक ग़ज़ल प्यार के विषय पर आधारित इश्क मोहब्बत ग़ज़ल।

Ishq E Bazaar Ghazal in Hindi

बाजार-ए-इश्क़ : ग़ज़ल


ख़ुशियां हुई हैं आम तुझे देखने के बाद।

ग़म मिट गए तमाम तुझे देखने के बाद ।।


मैं अपने सुबहो-शाम तुझे देखने के बाद।

करता हूं तेरे नाम तुझे देखने के बाद ।।


कहते हैं जिसको इश्क़ में मेराजे-आशिक़ी'।

पाया है वह मुक़ाम तुझे देखने के बाद ।।


है इस तरफ़ जो देर तो उस सिम्त है हरम।

किसको करूं सलाम तुझे देखने के बाद ।।


बाज़ारे इश्क़ में भी मेरे देख आजकल ।

लगने लगे हैं दाम तुझे देखने के बाद ।।


देखा है और न देखेंगे तुझसा हसीं कहीं।

यह फ़ैसला है आम तुझे देखने के बाद ।।


क्या जाने क्यों 'मयंक' का सबकी ज़बान पर।

आने लगा है नाम तुझे देखने के बाद ।।


- डॉ. कृष्ण कुमार सिंह 'मयंक'

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