Poem on Kite in Hindi by Badri Prasad Verma Anjan, Kite Poems in Hindi for Kids, Children Kite Poems, Kite Poetry, Kavitayen.
Let's Go Fly a Kite
हिन्दी कविता चलो पतंग उड़ाएँ : पतंग के विषय बद्री प्रसाद वर्मा अनजान की बेहतरीन कविता, पतंग संसार की सबसे हलकी, रंग-बिरंगी (kite poems) व हलके कागज की बनी होती है, कविता में कवि ने बालमन की सुलभ चेष्टाओं का सजीव चित्रण किया, पढ़िए पतंग के विषय पर बेहतरीन कविता (patang kavita) और शेयर कीजिए।
Chalo Patang Udaye
चलो उड़ाएँ पतंग
फिर खिचड़ी पोंगल आया
चलो उड़ाएं पतंग।
आज न कोई राजा है
आज न कोई रंग।
गजक पापड़ी लाई धोधा
खाएंगे आज हम ।
खिचड़ी बनेगी घर घर में
खाएंगे फिर हम।
आज पतंग लड़ाकर हम
एक दूजे को काटेगें ।
मजा पतंग उड़ाने का
एक दूजे को बांटेगें।
आसमान में आज हर तरफ
पतंग खूब नजर आएगा ।
मजा वही पाएगा इसका
जो आज पतंग उड़ाएंगे
साल में बस एक बार आता
यह पतंग त्यौहार।
रंग बिरंगी पतंगों से
लगता प्यारा सारा संसार।
- बद्री प्रसाद वर्मा अनजान
गोरखपुर (उ.प्र.)
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