मन मथुरा है तन है वृन्दावन घर का : ग़ज़ल - दिनेश सिंदल

Dr. Mulla Adam Ali
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Motivational Hindi Ghazal Man Mathura Hain Tan Vrindavan by Dinesh Sindal, Hindi Devotional Songs, Bhakti Geet in Hindi.

Man Mathura Hain Tan Vrindavan

man mathura tan vrindavan

Ghazal in Hindi : हिन्दी प्रेरणादायक ग़ज़ल मन मथुरा है तन है वृन्दावन घर का, दिनेश सिंदल की ग़ज़लें, पढ़िए प्रेरक और सुन्दर हिंदी ग़ज़लें और शेयर कीजिए।

Dinesh Sindal Ki Ghazal

मन मथुरा है तन है वृन्दावन घर का


मन मथुरा है तन है वृन्दावन घर का

अब भी भीतर शेष कहीं बचपन घर का

मैं जो ढूंढ रहा हूँ अपनापन घर का

ढूंढ रहा होगा मुझको आंगन घर का

अब तो हर मौसम में चलती तेज लूएं

रूठ गया लगता मुझसे सावन घर का

फूलों के बदले काँटे दे जाता है

यूँ मुझसे नाराज रहा गुलशन घर का

भाई ने अपने हाथों से पौंछ लिया

भाई के माथे पर था चंदन घर का

दीवारें ही दीवारें उठ आई हैं

ढूंढ रहा हूँ मैं जिसमें आंगन घर का

टेढे संग वो भी टेढा हो जायेगा

अब तक देखा है सीधापन घर का

चेहरे पर चेहरे लेकर वो निकला था

तब उससे नाराज रहा दर्पण घर का


- दिनेश सिन्दल

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