Poly Clinic Poem for Kids in Hindi by Manoj Jain Madhur, Poems for Children in Hindi, Bal Kavita Poly Clinic in Hindi.
Childrens Poem Poly Clinic
पॉली क्लिनिक : रोचक मनोरंजक बालमन भावन रचना पॉली क्लिनिक आज आपके लिए प्रस्तुत कर रहे है, पढ़िए मनोज जैन मधुर की ये दिलचस्प बाल गीत। बच्चों के मानसिक और भावनात्मक स्तर को ध्यान में रखकर लिखी गई मनोरंजक बाल कविता पॉली क्लीनिक, पढ़ें और साझा करें।
Hindi Bal Kavita Poly Clinic
पॉली क्लिनिक
कुर्सी पर बैठे भालू जी,
अपने हाथ सटाकर।
देख रहे थे भीतर बाहर,
नजरें बचा बचाकर।
परिश्रावक को लगा कान में,
जाने क्या सुनते थे।
थर्मामीटर लिए हाथ में,
शायद कुछ गुनते थे।
टेबिल पर रख ली दवाइयाँ,
जो थीं बहुत जरूरी।
बोर्ड लगाया बाहर बैठें,
सभी बना कर दूरी।
इंतज़ार की घड़ियाँ गिन-गिन,
छानी लगी उदासी।
बैठे बैठे कुर्सी पर ही,
लेने लगे उबासी।
नींद खुली तो बैठा देखा
एक सामने बंदर।
बोले, बिना इज़ाजत के तुम
कैसे आए अंदर।
बंदर बोला, खाँसी चलती,
आ जाता है फीवर।
भूख नहीं लगती है शायद,
वीक हुआ है लीवर।
भालू बोले, चेक अप होगा,
जाँच कराकर लाना।
पॉली क्लीनिक में, जब आओ,
मास्क लगाकर आना।
इतनी आसानी से बच्चू,
तुम्हें न जाने दूँगा।
जाँच जरूरी लिख दी मैंने,
फीस यहीं मैं लूँगा।
- मनोज जैन 'मधुर'
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